ग्रहों के सेनापति मंगल ने 27 जून को मेष राशि में प्रवेश किया था। जी हाँ और इस राशि में राहु पहले से विराजमान था। इस वजह से दोनों ग्रहों की युति से मेष राशि में अंगकारक योग का निर्माण हो गया। आप सभी को बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में इसे एक अशुभ योग समझा जाता है। ऐसे में आपको यह भी बता दें कि मेष राशि में अंगकारक योग 10 अगस्त तक बना रहेगा और 11 अगस्त यानी अगले ही दिन रक्षाबंधन का त्योहार भी है। जी दरअसल ज्योतिषियों का कहना है कि अंगकारक योग के कारण रक्षाबंधन तक 4 राशि वालों को बहुत संभलकर रहना चाहिए।
मेष- राहु और मंगल की युति से अंगकारक योग का निर्माण मेष राशि में ही हो रहा है। रक्षाबंधन तक संभलकर कदम रखे। जी हाँ और इस राशि के जातकों का व्यवहार उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। अपने गुस्से पर काबू रखें। लड़ाई-झगड़ों से दूर रहें। दूसरों से मांगकर वाहन चलाने की गलती ना करें।
वृष- 10 अगस्त तक अंगकारक योग दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ाएगा। दूसरों के मामले में हस्तक्षेप करने से नुकसान होगा। पैसे के लेन-देन में सावधानी बरतें। न तो किसी से उधार लें और किसी को कर्ज दें। इसी के साथ इस दौरान, हुआ वित्तीय लेन-देन लंबे समय तक फंसा रह सकता है।
कर्क- रक्षाबंधन तक कर्क राशि के जातक भी सतर्क रहें। अंगकारक योग क्रोध और अनियंत्रित वाणी का कारण बन सकता है। जी हाँ और इस दौरान हुए नुकसान की भरपाई बहुत मुश्किल से होगी। चोट-चपेट से बचें। वाहन सावधानी से चलाएं। जल्दबाजी में लिए गए निर्णय नुकसान देंगे। गाय को हरा चारा खिलाएं।
तुला- अंगकारक योग से तुला राशि के जातकों को भी सावधान रहना होगा। दांपत्य जीवन में परेशानी हो सकती है। घर में लड़ाई-झगड़े का माहौल रह सकता है। अनबन हो सकती है। मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।