80 के दशक में धमाल मचाने वाली ये अदाकाराएं जी रही हैं गुमनाम जिंदगी

परदे से अचानक गायब हुईं 80 के दशक की ये अदाकराएं
बॉलीवुड इंडस्ट्री वो दलदल हैं, जहां हर साल कई हजारों फिल्में बनती हैं। इन सभी फिल्मों में कई नए कलाकार भी देखने को मिलते हैं, जो दर्शकों से कनेक्ट करने में भी कामयाब रहते हैं। आज हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको 80 के दशक में बड़े परदे पर तहलका मचा चुकी उन बेहतरीन अदाकाराओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो समय के साथ इंडस्ट्री से गायब होती चली गईं। आइये इस लिस्ट पर डालें एक नजर…
अमृता सिंह (Amrita Singh)
अमृता सिंह ने सनी देओल की फिल्म ‘बेताब’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था। फिल्म सुपरहिट साबित हुई। इसके बाद एक्ट्रेस को अमिताभ बच्चन की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘मर्द’ में देखा गया। कई सुपरहिट और ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम करने के बाद भी अमृता सिंह को धीरे-धीरे फिल्मों में कम रोल मिलने लगे। ‘आइना’ के बाद एक्ट्रेस ने 2002 में फिल्म ‘भगत सिंह’ से कमबैक किया था। इस समय अमृता सिंह फिल्मों में तो एक्टिव हैं लेकिन ऑनस्क्रीन उन्हें ज्यादा टाइम नहीं मिला।
अनीता राज (Anita Raj)
जगदीश राज की बेटी अनीता राज ने राज बब्बर के अपोजिट फिल्म ‘प्रेम गीत’ से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। फिल्म में जगजीत सिंह की गजल ‘होंठों से छू लो तुम’ आज भी दर्शकों के बीच लोकप्रिय है। 80 के दशक में अनीता राज ने गोविंदा, जीतेंद्र और मिथुन चक्रवर्ती जैसे कई स्टार्स के साथ काम किया। हालांकि धीरे-धीरे अनीता राज बड़े परदे से गायब होती चली गईं।
जया प्रदा (Jaya Prada)
मशहूर डायरेक्टर के विस्वनाथ की फिल्म ‘सरगम’ में जया प्रदा को पहली बार देखा गया था। जया प्रदा ने अपने करियर में जीतेंद्र और अमिताभ बच्चन के साथ कई फिल्में की, जो बॉक्स ऑफिस पर सफल भी रहीं। 1994 में जयाप्रदा ने राजनीति में कदम रखा और इसके संस्थापक एन टी रामाराव के निमंत्रण पर तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल हो गईं। हालांकि पार्टी एन चंद्रबाबू नायडू के साथ मतभेदों के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी में शामिल होने के लिए टीडीपी छोड़ दी। वह 2004 से 2014 तक रामपुर से सांसद थीं।
किमी काटकर (Kimi Katkar)
‘जुम्मा चुम्मा’ गर्ल किमी काटकर को 80 के दशक की बोल्ड अदाकाराओं में से एक माना जाता था। एक्ट्रेस ने सेमी-एडल्ट फिल्म ‘टार्जन’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। इसके बाद एक्ट्रेस वर्दी, मर्द की जुबां, मेरा लहू, दरिया दिल, गैर कानूनी, जैसी करनी वैसी भरनी, शेरदिल और जुल्म की हुकुमत जैसी कई फिल्मों में नजर आईं। 90 के दशक में एंट्री करते-करते किमी काटकर बड़े परदे से गायब होती चली गईं।
मीनाक्षी शेषाद्रि (Meenakshi Seshadri)
मीनाक्षी शेषाद्रि ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत पेंटर बाबू (1983) से की। हालांकि उन्हें 1983 में जैकी श्रॉफ के साथ सुभाष घई निर्देशित ‘हीरो’ से सही पहचान मिली। मीनाक्षी ने 80 के दशक में ‘मेरी जंग’, ‘डकैत’, ‘जुर्म’, ‘शेहंशाह’ और ‘घायल’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। इसके बाद 90 के दशक में मीनाक्षी ने दामिनी फिल्म की, जो ब्लॉकबस्टर साबित हुई। मीनाक्षी ने शादी के बाद एक्टिंग की दुनिया से दूरी बना ली।