fbpx

रोज 6 देसी मुर्गे, 10 लीटर दूध और 100 रोटी खाने वाला वो पहलवान, जो कभी किसी से नहीं हारा

Editor Editor
Editor Editor
3 Min Read

रुस्तम-ए-हिंद’ के नाम से मशहूर ‘द ग्रेट गामा’ का आज 144वां जन्मदिन है। गूगल ने डूडल बनाकर गामा पहलवान के जन्मदिन को और भी खास बना दिया है। एक ऐसा पहलवान जो दुनिया में कभी किसी भी पहलवान से नहीं हारा, जिसने पूरी दुनिया में नाम कमाया। गामा पहलवान ने अपने जीवन के 52 साल कुश्ती को दिए और कई खिताब जीते। बताया जाता है कि उनका जीवन का अंतिम समय काफी तंगी में गुजरा। आइए गामा पहलवान के बारे में जानते हैं।

032

10 साल की उम्र में शुरू की थी पहलवानी
गामा का जन्म 22 मई 1878 को अमृतसर में हुआ था। गामा के पिता मुहम्मद अजीज बख्श भी पहलवान थे। गामा के बचपन का नाम गुलाम मुहम्मद था। गामा ने महज 10 साल की उम्र में ही पहलवानी शुरू कर दी थी। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय ही गामा पहलवान अपने परिवार के साथ लाहौर चले गए थे। गामा पहलवान ने कुश्ती की शुरुआती बारीकियां मशहूर पहलवान माधो सिंह से सीखीं। इसके बाद उन्हें दतिया के महाराजा भवानी सिंह ने पहलवानी करने की सुविधाएं दी, जिससे उनकी पहलवानी निखरती गई। गामा अपने 52 साल के करियर में कभी कोई मुकाबला नहीं हारे।

एक दिन में लगाते थे 5000 बैठक और 1000 से ज्यादा पुशअप
गामा पहलवान ‘रुस्तम-ए-हिंद’ के नाम से मशहूर हो गए थे। वह एक दिन में 5000 बैठक और 1000 से ज्यादा पुशअप लगाने के लिए जाने जाते थे। कोई भी पहलवान ऐसा नहीं हुआ, जो उनके सामने टिक पाए। सभी पहलवानों को उन्होंने धूल चटा दी।

डाइट में लेते थे 6 देसी मुर्गे, 10 लीटर दूध और 100 रोटी
गामा पहलवान की डाइट की बात करें तो लोग उन्हें खाते देख दातों दल उंगली दबा लेते थे। दरअसल, गामा की डाइट ऐसी थी, जिसे पचाना आम इंसान के बस से बाहर है। बताया जाता है कि गामा पहलवान एक दिन में 6 देसी मुर्गे, 10 लीटर दूध, आधा किलो घी, बादाम का शरबत और 100 रोटी खाते थे।

027

ब्रूस ली भी थे गामा पहलवान से प्रभावित
एक रिपोर्ट के मुताबिक गामा ने पत्थर के डंबल से अपनी बॉडी बनाई थी। फेमस मार्शल आर्टिस्ट ब्रूस ली भी गामा से बेहद प्रभावित थे और उनसे ही उन्होंने बॉडी बनाना सीखी थी। बताया जाता है कि ब्रूस ली आर्टिकल्स के जरिये गामा पहलवान की कसरत पर नजर रखते थे और फिर खुद भी उसकी प्रैक्टिस करते थे। ब्रूस ली ने दंड-बैठक लगाना भी गामा को देखकर सीखा था।

Share This Article