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डेली रूटीन के सिंपल रूल्स जिससे डायबिटीज़ और डिहाइड्रेशन रहेगा इन कंट्रोल, क्योंकि गर्मी में डायबिटीज़ वालों को डिहाइड्रेशन का ख़तरा रहता है ज़्यादा

डेली रूटीन के सिंपल रूल्स जिससे डायबिटीज़ और डिहाइड्रेशन रहेगा इन कंट्रोल, क्योंकि गर्मी में डायबिटीज़ वालों को डिहाइड्रेशन का ख़तरा रहता है ज़्यादा

डिहाइड्रेशन और डायबिटीज (dehydration and diabetes) अक्सर साथ-साथ चलते हैं. अधिक तापमान और तपती धूप की स्थिति में अनेक लोग डिहाइड्रेशन से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन डायबिटीज वाले लोगों को डिहाइड्रेशन का ख़तरा ज्यादा रहता है. डायबिटीज तब होता है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता.

इन्सुलिन की कमी से खून में शुगर (sugar) की मात्रा बढ़ जाती है और किडनी को अतिरिक्त शुगर को छानने और सोखने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है. अगर आपकी किडनियाँ अतिरिक्त श्रम करती हैं तो शरीर अतिरिक्त शुगर को मूत्र में भेज देता है जो बदले में आपके टिश्यूज से तरल पदार्थ खींच लेता है.

परिणामस्वरूप, डायबिटीज वाले व्यक्ति को अधिक बार यूरिन पास करना पड़ता है जिससे उनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है. तो सवाल है कि कोई डिहाइड्रेशन और डायबिटीज की समस्या को किस प्रकार रोक कर शरीर में लिक्विड का हेल्दी लेवल कैसे बनाए रखें?

मैक्स हॉस्पिटल की चीफ़ डायबिटीज़ एजुकेटर, डॉ. शुभदा भनोट कहती हैं- डायबिटीज वाले लोगों में डिहाइड्रेशन का ख़तरा बढ़ जाता है क्योंकि खून में ग्लूकोज का लेवल बढ़ने से बॉडी में हाइड्रेशन कम हो जाता है. लिक्विड इनटेक बढ़ाकर डिहाइड्रेशन का उपचार किया जा सकता है. हालाँकि, गंभीर डिहाइड्रेशन की स्थिति में चिकित्सीय सलाह के आधार पर आपको अतिरिक्त इलेक्ट्रोलाइट्स (लवण एवं खनिज) दिया जा सकता है.

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मौसम गर्म होने पर भी खुद को हाइड्रेटेड रखने के कुछ आसान सुझाव :
तरल पदार्थों का सेवन करें : बहुत सारा पानी या कैफीन मुक्त पेय, जैसे कि नारियल पानी, सादा छाछ या चीनी मुक्त नींबू पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें. शराब का सेवन कम से कम करना महत्वपूर्ण है क्योंकि शराब निर्जलीकरण का कारण होता है.
गर्मी की थकावट से रहें सावधान: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में गर्मी से थकावट का खतरा अधिक होता है और वे गर्मी से संबंधित समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं.

डायबिटीज के कारण खून की नलियों और स्नायु तंत्रिकाओं में क्षति जैसी जटिलताएं होने से पसीने की ग्रंथियाँ प्रभावित हो सकती हैं और शरीर प्रभावकारी रूप से ठंडा नहीं हो सकता. इससे हीट स्ट्रोक (लू लगना) और गर्मी से थकावट हो सकती है और एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति पैदा हो सकती है. चक्कर आना, अत्यधिक पसीना आना, मांसपेशियों में ऐंठन, बेहोशी का दौरा, सिरदर्द, दिल की धड़कन बढ़ना, मितली थकावट के लक्षण हैं.

इस तरह के संकेतों के प्रति सतर्क रहना चाहिए और ठंडी जगह पर आराम करना चाहिए, पर्याप्त मात्रा में लिक्विड पीना चाहिए और अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए. आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाएँ, जैसे कि मूत्रवर्धक दवाएँ (उच्च रक्तचाप का इलाज करने के लिए) भी डिहाइड्रेशन का कारण बन सकती हैं.

ब्‍लड ग्‍लूकोज के स्तर पर नियमित रूप से नजर रखें : डॉक्टर की सलाह के अनुसार ग्लूकोज के स्तर की जाँच अवश्य करें. फ्री स्टाइल लिब्रे जैसे स्मार्ट सीजीएम उपकरण उपलब्ध हैं जो चलते-फिरते भी ग्लूकोज की निरंतर निगरानी करता है और इसमें किसी तरह सुई लगाने की ज़रुरत नहीं होती है. अत्यधिक गर्मी के कारण ब्‍लड ग्‍लूकोज के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए याद रखें कि यदि आप धूप वाले दिन बाहर जाते हैं तो अधिक बार उसकी जाँच कराएँ.

एक्सरसाइज करते समय कूल रहें : व्यायाम करते समय गर्मी में बाहर दौड़ने के बदले किसी एयरकंडीशंड जिम में ट्रेडमिल का ऑप्शन चुन सकते हैं. वैकल्पिक रूप से, आउटडोर एक्‍सरसाइज सुबह के समय करें जब तापमान कम रहता है.