Ram Mandir Ayodhya रामायण, एक ऐसा एपिक ग्रंथ है जो भारतीय साहित्य और सांस्कृतिक तथा धार्मिक तत्त्वों का अद्वितीय स्रोत है। इस विशाल ग्रंथ को सच्चाई, धर्म, और नैतिकता के प्रति अपने समर्पण से याद किया जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप के एक प्रमुख कथानक रूप में, रामायण ने विश्व भर में अपनी महत्ता को साबित किया है।
“रामायण के सीरियल में दिखी मोती सागर की कला:
1987 में, रामानंद सागर ने इस महाकाव्य की एक महाकाव्य रूपांतरण का संजीवनी बूटी की भावना के साथ प्रस्तुत की। उनके निर्देशन में बनी ‘रामायण’ सीरियल ने भारतीय टेलीविजन के इतिहास में एक अद्वितीय स्थान बनाया। मोती सागर, जिन्होंने इस सीरियल को निर्देशित किया, ने हाल ही में एक इंटरव्यू में सीरियल की रोचक दास्तानों को साझा किया।
Ram Mandir Ayodhya मोती सागर ने बताया कि ‘रामायण’ सीरियल उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, और उन्हें यह सुनिश्चित करना था कि यह धारावाहिक भारतीय संस्कृति और परंपरा को सटीकता से प्रस्तुत करे। उन्होंने कहा, “रामायण एक ऐसी कहानी है जिसमें सत्य, धर्म, और प्रेम की महत्ता है। हमें इसे ऐसे प्रस्तुत करना था कि यह हमारी संस्कृति के साथ मेल खाता हो और लोग इसका अध्ययन करके उससे प्रेरित हों।”
Ram Mandir Ayodhya महाकाव्य के रोचक दास्तां
Ram Mandir Ayodhya रामायण की कथा में राजा दशरथ के आशीर्वाद से ही शुरू होती है, जिसमें राम, लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न का जीवन दर्शाया गया है। मोती सागर ने यह बताया कि उन्होंने इस कथा को एक व्यक्तिगत स्तर पर भी प्रस्तुत करने का प्रयास किया ताकि दर्शक इससे जुड़ सकें और इसके मूल सिद्धांतों को अपने जीवन में अपना सकें।
Ram Mandir Ayodhya रामायण की रचना से जुड़े विवादात्मक समय को लेकर भी मोती सागर ने कहा, “हमारा मकसद यह था कि हम इस कथा को सत्य की दृष्टि से दर्शकों के सामने प्रस्तुत करें, और इसे विवादों से बाहर रखें।” उन्होंने इस बात की भी जिक्र किया कि उनका लक्ष्य था सीरियल के माध्यम से लोगों को एक एकदिवसीयता की भावना दिखाना ताकि वे इस महाकाव्य को सीधे दिल से समझ सकें।
Ram Mandir Ayodhya मोती सागर ने सीरियल ‘रामायण’ को निर्देशित करते समय यह रामायण के निर्देशक के रूप में, मोती सागर ने अपनी शौकिया दृष्टि के साथ काम किया और रामायण के प्रमुख किस्सों को जीवंत करने में सफल रहे। उन्होंने बताया कि उन्हें अपनी टीम के सदस्यों मोती सागर ने सीरियल ‘रामायण’ को निर्देशित करते समय यह सुनिश्चित किया कि स्क्रिप्ट, संगीत, और शूटिंग में सटीकता बनी रहे। उन्होंने अपनी दृष्टि को विभिन्न पहलुओं से सजाकर, एक समृद्धि भरी कहानी प्रस्तुत की।
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