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अडानी के पास अचानक से इतनी दौलत कहां से आ गई? 8 साल में 27 गुना से अधिक हुई

Editor Editor
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गौतम अडानी भारत के ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे धनी व्यक्ति हैं। अब वह कामयाबी की नई इबारत लिखते हुए दुनिया के तीसरे धनी व्यक्ति हो गए हैं। उनकी संपत्ति 137 अरब डॉलर हो गई है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक इस साल अब तक उनकी संपत्ति में 60.9 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।

मोदी सरकार के आने से पहले केवल 5.10 अरब डॉलर थी संपत्ति
ब्लूमबर्ग के मुताबिक 30 मार्च 2014 को गौतम अडानी के पास केवल 5.10 अरब डॉलर की संपत्ति थी। 16 जनवरी 2020 को 11 अरब डॉलर पर पहुंचने वाले अडानी की संपत्ति में उछाल जून 2020 से आने लगा।

9 जून 2021 तक आते-आते उनकी संपत्ति करीब-करीब 7 गुना उछल कर 76.7 अरब डॉलर पर पहुंच गई। इसके बाद तो उनकी दौलत को पंख लग गए। 29 अप्रैल 2022 को उन्होंने 122 अरब डॉलर का मुकाम हासिल कर लिया और अब वह 137 अरब डॉलर पर हैं। यानी 8 साल में अडानी की दौलत में 27 गुना से अधिक हो इजाफा हुआ है।

मोदी सरकार के आने से पहले केवल 5.10 अरब डॉलर थी संपत्ति
ब्लूमबर्ग के मुताबिक 30 मार्च 2014 को गौतम अडानी के पास केवल 5.10 अरब डॉलर की संपत्ति थी। 16 जनवरी 2020 को 11 अरब डॉलर पर पहुंचने वाले अडानी की संपत्ति में उछाल जून 2020 से आने लगा।

क्या-क्या है अडानी के पास

गौतम अडानी के पास तीन महंगे बिजनेस जेट तीन हेलीकॉप्टर और कई लक्जरी कारें हैं
अडानी के बंबार्डियर, बिचक्रॉफ्ट और हॉकर बिजनेस जेट की कुल क्षमता 100 यात्रियों की है
उनके पास फेरारी और बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज का महंगी कारें हैं जिनकी कीमत 3.5 करोड़ रुपये तक है
उनके सबसे सस्ते जेट विमान की कीमत 15 करोड़ रुपये बताई जाती है
दिल्ली में एक घर है जिसकी कीमत 400 करोड़ रुपये बताई जाती है
अडानी समूह का अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह ऑपरेटर है। इसके 13 बंदरगाह और टर्मिनल देश की पोर्ट क्षमता के 24 फीसदी का प्रतिनिधित्व करते हैं। समूह के पास 17 मालवाहक जहाज हैं।

अडानी समूह देश में सात बड़े एयरपोर्ट का संचालन करता है। मुंबई, अहमदाबाद, तिरुअनंतपुरम, लखनऊ,जयपुर, मंगलुरु और गुवाहाटी का संचालन अडानी समूह करता है।

अडानी समूह ग्रुप अपनी सब्सिडियरी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से एनडीटीवी की एक प्रमोटर कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के 99.99% शेयर खरीदने की कोशिश की है। हालांकि, अभी यह मामला कुछ कानूनी वजहों से अटका हुआ है।

इस साल मई में अडानी की कंपनी ने होल्सिम का भारतीय सीमेंट कारोबार खरीदने का ऐलान किया था। यह सौदा 10.5 अरब डॉलर में हुआ था। इससे अडानी समूह एक झटके में भारतीय सीमेंट बाजार में दूसरे स्थान पर पहुंच गया।

अडानी के पास अचानक से इतनी संपत्ति यहां से आई

अब सवाल उठता है कि अडानी के पास अचानक से इतनी संपत्ति कहां से आ गई तो इसका एक ही जवाब है शेयर बाज़ार में तेजी से। गौतम अडानी ने 1988 से अपना बिजनेस शुरू किया था, अभी उनकी 7 कंपनियां शेयर बाज़ार में लिस्टेड हैं। अडानी प्राइवेट सेक्टर में देश का सबसे बड़ा पोर्ट चलाते हैं। उन्होंने 6 एयर पोर्ट सरकार से खरीदें हैं।

मुंबई एयरपोर्ट अब उनका है। प्राइवेट सेक्टर में सबसे ज़्यादा बिजली उत्पादन करते हैं। वहीं, बिजली में लगने वाला कोयले का सबसे ज़्यादा खनन करते हैं। देश में सबसे ज़्यादा सीमेंट बनाते हैं। फार्च्यून ब्रांड से तेल, आटा, चावल, बेसन जैसी चीजें भी बेचते हैं। उनकी कंपनियों के शेयरों की क़ीमत राकेट की तरह भाग रही है। इनका मार्केट कैप 19 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा है। इन्हीं कंपनियों में शेयर होने के चलते अडानी की संपत्ति बढ़ी है।

उनकी कंपनियों के इस साल के परफार्मेंस की बात करें तो अडानी पावर 292 फीसद उछला है। अडानी इंटरप्राइजेज की इस साल अबतक की उछाल 294 फीसद है। अडानी पोर्ट्स 108 तो अडानी ग्रीन करीब 80 फीसद का रिटर्न दिया है। जबकि, अडानी विल्मर की उछाल इस अवधि में 158 फीसद से अधिक रही। अडानी टोटल गैस ने भी इस दौरान 109 फीसद तो अडानी ट्रांसमिशन ने 127 फीसद की उड़ान भरी।

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