5 आम लोग जो बन गए सुपरस्टार, कोई फुटपाथ से आया तो किसी ने कुली का काम किया

5 आम लोग जो बन गए सुपरस्टार, कोई फुटपाथ से आया तो किसी ने कुली का काम किया

“जहां हमारे सपने पूरे होते हैं, वहां इनका स्ट्रगल शुरू होता है.” क्रिटिक राजीव मसंद के शो ‘राउंडटेबल’ पर कही गई सिद्धांत चतुर्वेदी की ये बात न सिर्फ कई साल तक याद रखी जाएगी, बल्कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में चल रहे परिवारवाद पर एक चोट की तरह देखी जाती है. फिल्म इंडस्ट्री में कुछ परिवारों का बोलबाला रहा और ये कोई छुपी हुई बात नहीं है कि आज भी फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री लेना किसी बाहरी के लिए कई गुना अधिक मुश्किल होता है. लेकिन समय-समय पर एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री ने ऐसे कई लोग देखे जो न सिर्फ अपने संघर्ष के दम पर इंडस्ट्री में आए बल्कि आने के बाद सुपरस्टार बन गए. किसी ने गरीबी देखी तो किसी ने हिकारत झेली लेकिन आज ये सभी इतने बड़े नाम हैं कि वे खुद में एक बड़े ब्रांड बन चुके हैं. आइए नज़र डालते हैं ऐसे ही कुछ बड़े नामों पर.

1. शाहरुख़ खान
“जब मैं मुंबई आया, मेरे पास रहने को जगह नहीं थी. जिस टीवी शो के लिए काम करने आया उन्होंने मुझे रहने के लिए जगह दी. पहले ऑफिस में सोता रहा कई दिन, फिर उन्होंने अपने घर में जगह दी. जब शादी हो गई तो मुझे किराए का घर लेना था मगर मेरे पास पैसे ही नहीं थे. मैंने दोस्त से पैसे उधार लिए. ऐसी ही छोटी छोटी चीजों ने मुझे यकीन दिलाया कि मैं मुंबई में स्टार बन सकता हूं”, एक इवेंट के दौरान शाहरुख़ खान को ये बताते पाया गया था.

शाहरुख़ खान ने जब मुंबई में कदम रखा, अपना कहने के लिए उनके पास ज्यादा कुछ नहीं था. उनके पिता पहले ही गुज़र चुके थे, मां भी गुज़र गईं. बहन की सेहत अच्छी नहीं रहती थी. एक इवेंट में शाहरुख़ ने बताया था कि वो अपने जीवन के इतने बुरे दौर में थे कि उन्होंने खुद को समझाना शुरू कर दिया कि अब इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता.

‘फौजी’ के दृश्य में शाहरुख़.
यूं तो शाहरुख़ का एक्टिंग करियर 1988-89 से ही शुरू हो गया था, जब उन्हें ‘फौजी’ नाम के टीवी शो में एक साइड रोल मिला. मगर संयोग कुछ ऐसा रहा कि सीरियल के लीड एक्टर ने अपना रोल छोड़ दिया और वो जगह शाहरुख को मिल गई. इसके बाद उन्होंने सर्कस नाम के सीरियल में किरदार मिला. टीवी की परफॉरमेंस के बाद इंडस्ट्री में उन्हें नोटिस किया जाने लगा और 1991 में उन्हें हेमा मालिनी की फिल्म ‘दिल आशना है’ ऑफर हुई.

शाहरुख़ एक बेहद आम परिवार से आते हैं. उनके पिता मीर ताज मोहम्मद खान पेशावर से थे और अंग्रेजों के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई में सक्रिय थे. फिल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा अपनी किताब ‘किंग ऑफ़ बॉलीवुड: शाहरुख़ खान एंड द सिडक्टिव वर्ल्ड ऑफ़ इंडियन सिनेमा’ में लिखती हैं कि शाहरुख़ के पिता अब्दुल गफ्फार खान के अनुयायी रहे और आज़ादी के उनके अहिंसक आंदोलन का हिस्सा रहे. वहीं शाहरुख़ के चाचा शाहनवाज़ खान सुभाषचंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी में मेजर जनरल थे. पार्टीशन के बाद शाहरुख़ के पिता ने इंडिया में रहना चुना, वहीं पिता की ओर का बाकी परिवार पेशावर में बसा. शाहरुख़ की मां हैदराबाद से थीं और बेहद आम परिवार से आती थीं.

आज बांद्रा वेस्ट में 6 मंजिल के सी-फेसिंग बंगले मन्नत में रहने वाले शाहरुख़ बचपन से ही किराए के मकानों में रहे. 2017 में जब उनसे नेपोटिज्म यानी फिल्म इंडस्ट्री में परिवारवाद पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बड़े साफ़ तौर पर इस सवाल को बेजा बता दिया: “मैं क्या कहूं, मैं 25 की उम्र में मुंबई आया और मुझे इस शहर ने गले लगाया. अब मेरे बच्चे मरीन बायोलॉजिस्ट बनें या एक्टर, मेरे लिए तो दोनों ही ठीक है.” आर्यन और सुहाना खान, दोनों ने ही फिल्म और एक्टिंग से जुड़ी पढ़ाई की है. जहां आर्यन खान राइटर-डायरेक्टर बनने की ओर झुकते दिखते हैं वहीं सुहाना का एक्टिंग डेब्यू भी हो चुका है.

2. रजनीकांत
“1970 के दशक की बात है. मेरा नाम लोग जानने लगे थे. मुझे एक फिल्म का ऑफर आया. मेरे पास डेट्स भी थीं और किरदार भी अच्छा था तो मैंने हां कह दिया. मैंने प्रड्यूसर से कहा कि मैं फिल्म करने के 10 हजार रुपये लूंगा. बातचीत के बाद उन्होंने कहा 6 हजार देंगे. तो मैंने कहा कि एडवांस में 100-200 रुपये मुझे दे दें, जिससे मैं रोल कन्फर्म मानूं. उन्होंने मुझसे मना कर दिया. ये वादा भी किया कि शूट शुरू होने के वक़्त 1000 रुपये देंगे. लेकिन मुझे कोई भी पैसे नहीं दिए गए. बल्कि मुझे छोटा महसूस कराया गया,” 2020 में एक स्पीच देते हुए रजनीकांत ने वाकया सुनाया. ये वही दिन था जिस दिन रजनीकांत ने तय कर लिया था कि उन्हें सुपरस्टार बनना है.

शिवाजी राव गायकवाड़, जिन्हें हम आज हम तमिल सुपरस्टार रजनीकांत के नाम से जानते हैं, वे न तो तमिलनाडु से हैं न ही किसी बड़े प्रड्यूसर की संतान हैं. मराठी परिवार से आने वाले शिवाजी के पिता रामोजीराव गायकवाड़ पुलिस कॉन्स्टेबल थे और मां एक होममेकर. उनकी पूरी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई. शिवाजी ने बचपन से कभी पैसों का सुख नहीं देखा था. बड़े हुए तो कारपेंटर का काम किया, फिर कुली का भी काम किया. उनकी नौकरी बैंगलोर ट्रांसपोर्ट सर्विस में बस कंडक्टर के तौर पर लग गई. जिसके बाद शिवाजी छोटे-छोटे नाटकों में हिस्सा लेने लगे और धीरे-धीरे एक्टिंग के प्रति अपनी मोहब्बत को पहचाना. इसी वक़्त उन्होंने मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट का विज्ञापन देखा और दोस्त से पैसे मांगकर कोर्स में एडमिशन लिया.

शुरुआती और छोटे रोल्स से ही रजनी ने अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी थी.
इसी इंस्टिट्यूट में एक परफॉरमेंस के दौरान उन्हें तमिल फिल्म डायरेक्टर के बालचंद्र ने नोटिस किया और अपनी एक फिल्म में उन्हें सपोर्टिंग एक्टर का रोल दिया. रोल था एक अब्यूजिव पति का जो अपनी पत्नी को बहुत पीटता है. लेकिन कमाल की बात ये है कि मराठी लड़के शिवाजी को तमिल नहीं आती थी. के बालचंद्र के कहने पर उन्होंने तमिल भाषा सीखी, जिसे वो बोलना तो सीख गए, लिखना आज भी नहीं सीख पाए, ऐसा उनकी बेटी बताती हैं. लेकिन तमिल इंडस्ट्री में पहले ही शिवाजी गणेशन नाम के एक बड़े एक्टर थे. तो बालचंद्र ने शिवाजी को दिया उनका स्टेज नेम और आगे चलकर बनने वाली उनकी पहचान- रजनीकांत.

80 और 90 का दशक आते आते रजनी सुपरस्टार बन चुके थे. शुरुआती सफलता के बाद जब जब ऐसी सुगबुगाहटें हुईं कि रजनीकांत का करियर ख़त्म हो रहा है, उन्होंने उतनी ही बार कमबैक किया, चाहे वो 1980 की ‘बिल्ला’ हो या 2005 की ‘चंद्रमुखी’. 2010 में आई उनकी फिल्म ‘एन्तिरन’ उस वक़्त देश की सबसे महंगी और सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म थी.

छोटे पॉलिटिकल करियर और सेहत के मसलों के बीच 71 साल के रजनीकांत आज भी उतनी ही मेहनत से फ़िल्में कर रहे हैं. उनकी पत्नी लता सिंगर हैं और बेटियाँ ऐश्वर्या और सौंदर्या भी फिल्म इंडस्ट्री के जुड़ी हुई हैं.

3. अनुष्का शर्मा
“मैंने सबसे पहला रिजेक्शन 15 की उम्र में झेला. मैं कभी संघर्षों के बारे में बार नहीं करती क्योंकि मैं मानती हूं कि इसकी ज़रुरत नहीं है. लेकिन ये सच है कि मुझे जाने कितने ही शो से ड्रॉप किया गया, ऐड फिल्म्स में मुझे दूसरी अभिनेत्रियों से रिप्लेस किया गया. मुझे मालूम है कि ये सब इस इंडस्ट्री का हिस्सा है, ऐसा होता ही है. लेकिन जब कोई आपसे 15 की उम्र में कहता है कि आपको कोई किरदार नहीं मिल सकता क्योंकि आप खूबसूरत नहीं दिखतीं, ये आपकी सेल्फ-एस्टीम को हिलाकर रख देता है,” अनुष्का शर्मा ने साल 2017 में डीएनए इंडिया को एक इंटरव्यू में बताया.

अनुष्का के पिता अजय कुमार शर्मा भारतीय आर्मी में कर्नल रहे. वहीं उनकी मां आशिमा शर्मा होममेकर हैं. अजय कुमार शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और अनुष्का का जन्म भी अयोध्या में हुआ था. वहीं अनुष्का की मां गढ़वाली हैं. पिता के आर्मी अफसर होने की वजह से अनुष्का कई शहरों में बड़ी हुईं. ग्रेजुएशन के बाद अनुष्का मॉडलिंग की दुनिया में करियर बनाने के लिए मुंबई शिफ्ट हुईं. 2007 में उन्हें लक्मे फैशन वीक में हिस्सा लेने का मौका मिला. इसके बाद उन्हें कई विज्ञापन भी मिले. मगर अनुष्का को मालूम था कि वे एक्टिंग के लिए ही बनी हैं, इसलिए वे लगातार एक्टिंग के लिए ऑडिशन करती रहीं.

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