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10 सबसे अलग चीजें जो सिर्फ विजय माल्या ही कर सकता है |

Editor Editor
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विजय माल्या  ने जब बिजनस संभाला, तब उनकी उम्र महज 27 साल थी। उनके पिता की मृत्यु के समय उनकी कंपनी ‘यूनाइटेड ब्रुवरीज’ (जिसके पास किंगफिशर सहित कई ब्रांड हैं) की हालत खराब थी। किंगफिशर बियर (kingfisher beer) की 5 में से तीन फैक्ट्रियां बंद थीं। वहीं, हार्ड शराब (व्हिस्की, रम, आदि) की बिक्री भी अच्छी नहीं थी।

जब विजय माल्या ने कंपनी की कमान संभाली, तो उन्होंने पहले 5 वर्षों में न केवल 3 बंद फैक्ट्रियों को फिर से शुरू किया, बल्कि दक्षिण भारत में 2 नए कारखाने भी खोले। इसके बाद विजय माल्या ने हार्ड लिकर में कुछ नए ब्रांड शुरू किए और कुछ नए ब्रांड खरीदे। इन ब्रांड्स को माल्या ने सुपरहिट बना दिया। इनमें से कुछ ब्रांड्स के नाम रॉयल चैलेंज (Royal Challenge), डीएसपी (DSP), ऑफिसर्स चॉइस (Officers Choice), एंटीक्विटी (Antiquity) है।

किंगफिशर ब्रांड को किया मजबूत
बियर में किंगफिशर (Kingfisher) के अलावा माल्या ने लंदन पिल्सनर (London Pilsner) और हेवर्ड्स 5000 (Haywards 5000) को खरीदा और उन्हें सुपरहिट कर दिया। माल्या ने किंगफिशर को जबरदस्त ब्रांड बनाया। उन्होंने किंगफिशर कैलेंडर, फॉर्मूला 1 रेसिंग, क्रिकेट (IPL) आदि में निवेश करके किंगफिशर ब्रांड को और मजबूत किया।

30 की उम्र में 25,000 करोड़ की कंपनी
इसके साथ ही माल्या ने केमिकल बिजनेस ‘मैंगलोर फर्टिलाइजर्सट’ और पेंट बिजनेस ‘बर्जर पेंट्स’ को भी मैनेज किया। विजय माल्या ने 27 साल की उम्र में जब कंपनी संभाली थी तो उसका कारोबार महज 20 करोड़ रुपये का था। उसे महज तीन साल में 25000 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया। उस समय माल्या की उम्र सिर्फ 30 साल की थी। मतलब माल्या ने 30 साल की उम्र में 25,000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी।

लेकिन फिर उसने एक गलती की, जिसके कारण उसकी मेहनत की कमाई उसके हाथ से निकल गई। कर्ज में डूबे विजय माल्या को ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया गया। आप जानते हैं कि उसकी अभी क्या हालत है। क्या उसने सिर्फ यह गलती की थी कि एयरलाइंस बिजनस (Aviation Business) में निवेश किया।
माल्या ने एयरलाइंस बिजनस को हल्के में लिया

एयरलाइंस एक ऐसा उद्योग है, जो बहुत कम मार्जिन में काम करता है। यह एक बहुत ही गंभीर व्यवसाय है, जहां लाभ मार्जिन हर छोटी जगह पर पैसे बचाने और बहुत ही बेहतरीन तरीके से काम करने से आता है। लेकिन विजय माल्या कंपनी के सीईओ और अन्य प्रबंधन पर किंगफिशर एयरलाइंस (Kingfisher Airlines) की जिम्मेदारी डालकर किंगफिशर के ब्रांड को आगे बढ़ाने में जुट गए।

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