Waheeda Rehman : वहीदा रहमान जब ‘गाइड’ फिल्म बनाना चाहती थीं तब भड़क गए थे, डायरेक्टर और कहा ‘भारत में ये सब नहीं चलता हॉलीवुड जाओ’
Waheeda Rehman :
हिंदी सिनेमा की उम्दा अभिनेत्री Waheeda Rehman को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। वहीदा ने इंडस्ट्री में लंबे अरसे तक काम किया है और अपनी काबिलियत साबित की है।
हाल ही में एक्ट्रेस ने बताया कि गाइड मूवी करने से एक डायरेक्टर उनसे बहुत खफा हो गए थे। तब एक्ट्रेस ने उन्हें फिल्म से निकालने तक के लिए कह दिया था।
Dadasaheb Phalke Award Winner Waheeda Rehman:
हिंदी सिनेमा में अपने उम्दा अदाकारी के लिए मशहूर वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) को आज दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
हालिया इंटरव्यू में वहीदा ने अपने करियर के उस दौर को याद किया, जब डायरेक्टर ने उनकी बेहतरीन फिल्मों में से एक ‘गाइड’ मूवी करना अभिनेत्री की ‘बड़ी गलती’ बताया था।
बात है 60 के दशक की, जब Waheeda Rehman ने एक ही समय में अपने करियर की उन दो फिल्मों को साइन किया, जिसमें उनके किरदार एक-दूसरे के बिल्कुल अपोजिट थे।
ये फिल्में थीं- ‘गाइड’ और ‘नील कमल’। देव आनंद स्टारर फिल्म ‘गाइड’ में वह एक ऐसी महिला का किरदार निभा रही थीं, जो डांसर होती है और अपने पति से अलग हो जाती है।
वहीं, राम महेश्वरी निर्देशित ‘नील कमल’ में वहीदा एक ऐसी पत्नी बनी थीं, जो अपने पति का साथ कभी नहीं छोड़ती है।
जब गाइड फिल्म करने पर नाराज हो गए थे डायरेक्टर
वहीदा रहमान ने लेटेस्ट इंटरव्यू में खुलासा किया कि राम नहीं चाहते थे कि वह ‘गाइड‘ मूवी करें। उन्होंने यहां तक कहा था कि ये फिल्म न करें, वरना वह बर्बाद हो जाएंगे।
अब दूरदर्शन के साथ बातचीत में वहीदा ने कहा, ““मैं लगभग एक ही समय में गाइड और नील कमल दोनों की शूटिंग कर रही थी। जब डायरेक्टर को पता चला कि मैं गाइड कर रही हूं तो उन्होंने कहा, ‘वहीदा जी आप मुझे मार रही हैं, आपने मुझे बर्बाद कर दिया है।'”
वहीदा ने आगे बताया कि डायरेक्टर के इस स्टेटमेंट पर उन्होंने क्या कहा। बकौल एक्ट्रेस, “मैंने उनसे कहा, ‘मुझे यह समझ नहीं आया’।
उन्होंने कहा, ‘मेरी फिल्म में आपको सीता कहा जाता है, जो अपने पति से पूरी तरह प्यार करती है और गाइड में आप रोजी का किरदार निभा रही हैं, जो डांसर है और अपने पति को छोड़ देती है। इसलिए मैं बर्बाद हो गया हूं।”
डायरेक्टर ने Waheeda Rehman को बॉलीवुड छोड़ने के लिए कहा
Waheeda Rehman ने आगे याद किया कि कैसे डायरेक्टर ने उनसे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री छोड़ हॉलीवुड जाने की बात कही।
एक्ट्रेस ने कहा, “उन्होंने कहा, ‘आपको इस तरह की फिल्में नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ये फिल्में भारत में नहीं चलतीं।’ ये हॉलीवुड में काम करता है। अगर आप इस तरह की फिल्मों की शौकीन हैं, तो हॉलीवुड में काम करें।”
डायरेक्टर की ये बात सुनकर Waheeda Rehman ने उनसे कहा था कि वह ‘नील कमल‘ से उन्हें निकाल सकते हैं, लेकिन वह ‘गाइड’ जरूर करेंगी। वहीदा की ये बात सुनकर डायरेक्टर आगबबूला हो गए थे।
3 जनवरी 1915। लाहौर में एडवोकेट पिशोरी लाल आनंद के घर बेटे का जन्म हुआ, जिसका नाम रखा गया चेतन आनंद। इनके जन्म के 8 साल बाद इनके छोटे भाई देव आनंद का जन्म हुआ था।
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से हिंदू स्क्रिप्चर की पढ़ाई करने के बाद चेतन ने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया। कुछ समय बाद 1930 में उनका ताल्लुक इंडियन नेशनल कांग्रेस से जुड़ा।
इसी समय उन्होंने लंदन में इंडियन सिविल सर्विस का एग्जाम भी दिया, लेकिन उनका सिलेक्शन नहीं हुआ।
फिल्म स्क्रिप्ट बेचने पहुंचे थे मुंबई
पढ़ाई पूरी करते ही 40 के दशक के शुरुआत में चेतन ने BBC के लिए काम किया फिर देहरादून के दून स्कूल में इतिहास पढ़ाने लगे। हालांकि, इसी समय उन्होंने सम्राट अशोक पर फिल्म की स्क्रिप्ट लिखनी भी शुरू कर दी।
जब स्क्रिप्ट पूरी हुई तो चेतन आनंद अपना सामान बांधकर स्क्रिप्ट बेचने मुंबई आ गए। उनकी स्क्रिप्ट तो किनारे हो गई, लेकिन फिल्ममेकर मजूमदार ने उन्हें फिल्म राजकुमार में कास्ट कर लिया। फिल्मों में एक्टिंग तो की, लेकिन उनकी असली पसंद तो लेखन और निर्देशन ही थी।
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