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यहाँ खुदाई में हजारों साल पुराना फ्रिज और खाना मिला, वैज्ञानिक को यह तकनीक समझ ही नहीं आ रही है

Editor Editor
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पुरा‍तत्‍वविदो के द्वारा हमेशा ही कुछ नया खोजा जाता है। इनके द्वारा ऐसी चीजे इन्‍वेन्‍ट हो रही है जो हमें आश्‍चर्यचकित कर देने वाली होती है। आये दिन हमे पुराने समय के कुछ अनोखे अवशेषो के बारे में जानकारी लगती रहती है। यह चीजे ऐसी होती है, जिस पर यकीन करना हमारे लिये बहुत ही मुश्‍किल हो जाता है। यह वह चीजें होती है जिससे पुराने समय के रहन सहन उनकी दिनचर्या इन सब की जानकारी लगती है।

बुल्‍गारिया में पुरातत्‍वविदो को मिला फ्रिज
आज हम गर्मी के दिनो में फ्रिज का उपयोग धडल्‍ले से करते है। रेफ्रिजरेटर को कुछ सालो पहले ही इन्‍वेन्‍ट किया गया है। हम अब तक यही मानते है। इसको नये जमाने के अविष्‍कार में गिना जाता है।

पुराने समय में फ्रिज का उपयोग नहीं किया जाता था, क्‍योंकि यह इन्‍वेन्‍ट ही नहीं हुआ था। आज तक हमारी सोच यही थी। लेकिन आज जिस खोज के बारे में हम आपको बताएंगे, उसे जानकार फ्रिज से संबंधित आपकी धारणा बदल जायेगी। खबर मिली है कि यूरोपीय देश बुल्‍गारिया में एक पुराने समय का (प्राचीन) फ्रिज खोजा गया है।
इस फ्रिज के पहली शताब्‍दी के होने का है अनुमान

इस प्राचीन फ्रिज के बारे में कहा जा रहा है कि यह पहली शताब्‍दी का है। इस फ्रिज में जो अवशेष मिले है। उसमें अभी खाना रखा हुआ है। यह फ्रिज बुल्‍गारिया में जहॉं मिला है, वहा पर पहले रोमन सभ्‍यता (Roman Empire) हुआ करती थी।

यह फ्रिज (Fridge) पुरातात्‍विक स्‍थल बुल्‍गारिया (Bulgaria) देश के शिस्‍तोव (Svishtov) शहर से 4 किमी दूर नोवा पर मिला है। यह फ्रिज सिरेमिक प्‍लेट का बना है। इस पर व्‍यंजन के कई टुकड़े, पका हुआ मांस, जानवर की हड्डी इत्‍यादि के निशान मिले है।

पोलेण्‍ड के विशेषज्ञ द्वारा फ्रिज के बारे में अनोखी बाते बताई गई
इस फ्रिज (Bulgaria Fridge) को पोलेण्‍ड के वारसा नामक विश्‍वविद्यालय मे जो विशेषज्ञ है, उनके द्वारा इसी साल 22 अक्‍टूबर को सामने लाया गया। इसी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिनका नाम पिओट्र डाइजेक है उन्‍होंने बताया है कि फ्रिज के अंदर जो भी सामाग्री है, उसकी अभी सही उम्र पता नही लगाई गई है। लेकिन अंदाजा है कि यह पहली शताब्‍दी का है।

यहा के विशेषज्ञ द्वारा फ्रिज के काम करने के तरीके के बारे में बताया गया है। वह बताते है कि पहले जमीन के अंदर गडढे बनाकर सामग्री ठंडी रखी जाती थी। इसे बनाने के बाद ऊपर से इसे बर्फ से ढका जाता था। डारजेक पुरातात्‍वविद का कहना है कि इस प्रकार की खोज आज तक नही हुई है ऐसी खोज का होना बहुत ही दुर्लभ होता है। क्‍योंकि जब इमारत पुननिर्मित की जाती है तो ऐसी चीजे खत्‍म हो जाती है।

2 वेदियो की भी हुई है खोज
फ्रिज के अलावा उस स्‍थान से सिक्‍को का संग्रहण भी प्राप्‍त हुआ है। जो कांस्‍टेंटाइन के शासनकाल के समय के है। तीसरी शताब्‍दी में इस जगह पर गोथ द्वारा आक्रमण हुआ। उसके अवशेष भी यहा मिले है।

यहॉ पर क्‍वार्न पत्‍थर, हडिडया, पोत के टुकड़े इत्‍याद‍ि सामान मिले है। वही इस क्षेत्र से चल स्‍मारक भी खोजा गया है। जिसमें 2 रोमन वेदियॉं है। इनमे से एक वेदी सूर्य देवता से संबंधित है। इसको मिथ्रा कहते है। वही दूसरा बृहस्पिति, जूनो तथा मिनर्वा से संबंधित है।

रोमन सैनिक का था यहॉं शिविर
वेदियो के बारे में डारजेक कहते है कि वेदियो के जो दाता है उनके कार्य बहुत ही अनोखे होते थे। सेनापति द्वारा निशान पहना जाता था जोकि उच्‍च पद वाला कहलाता था। विशेषज्ञ बताते है कि जिस जगह पर यह अवशेष मिले है, वहा पहली शताब्‍दी के समय में रोमन सैनिक द्वारा डेन्‍यूब नदी के पास स्‍थायी शिविर स्‍थापित किया गया था। यहा जो किला बना था वहा 5वी शताब्‍दी तक सैनिक ने निवास किया। यहॉ से 6.2 मील दूरी पर जो नहर है वहां से तथा स्थित 2 बड़़ी पानी की टंकी से पानी की पूर्ति रोमन सैनिक किया करते थे।

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