दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक वह है जो अपने हालात का रोना रहते हैं! दूसरे वे लोग जो हालात से लड़कर अपने हालात बदल देते हैं! यह लोग शिकायत नहीं करते मेहनत में यकीन करते हैं और एक्शन लेते हैं! ऐसी ही कहानी है अंजलि देसाई की! अंजलि देसाई ने बताया कि उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था! किसी तरीके से घर का गुजारा चल जाता था!
उनके मां-बाप ने उनकी पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष किया! इसी तरह वह गांव के स्कूल में जब स्कूल की शिक्षा पूरी हो गई तो उन्हें शहर पढ़ने के लिए भेजने को उनके परिवार वाले राजी नहीं थे! अंजलि ने किसी तरीके से जिद करके अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रखवाया! अंजलि ने कहा कि पढ़ाई के दौरान उनका मन बिजनेसवुमन बनने का होता था!
मगर घर के हालात यही कहते थे कि उन्हें आखिरकार नौकरी करनी पड़ेगी! मगर समय के साथ-साथ उनका बिजनेस करने का इरादा मजबूत हो गया! पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके मन में कई बिजनेस आईडियाज थे! मगर वह यह बात भी जानती थी कि उनके पास बिज़नेस के लिए पैसे नहीं है! इसलिए उन्होंने 5 से 6 महीने तक एक बड़ी कंपनी में नौकरी की!
अंजलि ने नौकरी करना शुरू दिया! शुरू से ही उनकी इच्छा ज्वेलरी बिज़नेस में थी! उन्हें खुद भी ज्वेलरी पहनना पसंद था और इसको डिजाइन करना भी उन्हें अच्छा लगता था! इसका मार्केट भी काफी बड़ा है! अंजली को इसमें काफी संभावनाएं नजर आती थी! अंजलि ने बताया कि उनकी ही कंपनी की एक लड़की को टोटो हेल्प लोन संस्था की तरफ से बिज़नेस के लिए फंडिंग मिल गए थी! उन्हीं की दोस्त ने बताया कि अगर तुम्हें बिजनेस करना है तो तुम यहाँ पर कोशिश कर सकती हो!
अंजलि ने भी टोटो हेल्प लोन संस्था की वेबसाइट पर जाकर फंडिंग के लिए अप्लाई कर दिया! अंजलि ने बताया कि मगर उनके लिए मुश्किल यह रहा कि उन्हें 3 से 4 महीने तक कोई रिप्लाई नहीं आया! जबकि उनकी दोस्त को 15 दिन में ही फंडिंग मिल गई थी! मगर अंजलि ने सोच लिया था कि चाहे हर रोज इस चीज के लिए कोशिश करनी पड़े मगर अंजलि ने हार नहीं मानी!
अंजलि ने बताया कि वह हर रोज जाकर वेबसाइट पर फंडिंग के लिए अप्लाई करती थी! आखिरकार 4 महीने की मेहनत के बाद अंजलि को खुशखबरी मिल गयी! संस्था की तरफ से उन्हें कांटेक्ट किया गया और लगभग 15 दिन की बातचीत के बाद अंजलि को टोटो हेल्प संस्था की तरफ से पैसे मिल गये! खास बात इस फंडिंग की यह भी थी कि अंजलि को यह पैसे वापस नहीं करने थे और ना ही इन पर कोई बैंक की तरह ब्याज लगने वाला था! बिना डाक्यूमेंट्स के यह सारे पैसे संस्था ने अंजलि को दान दें दिये!
यह संस्था दान मानकर पैसा उन लोगों को देती है जिन्हे पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत होती है! हालांकि बाद में इनके पैसे को लौटाया जा सकता है! ताकि वह किसी और जरूरतमंद की मदद कर सके! अंजलि ने कहा कि वह आज भी हर साल कुछ ना कुछ अपनी मर्जी से इस संस्था को कुछ पैसे जरूर देती है! ताकि वह मुझ जैसी ही किसी और जरूरतमंद की भी मदद कर सके!
अंजलि ने बताया कि उनके ज्वेलरी बिज़नेस में काफी बढ़ोतरी हुई है! उनके पास 14 स्टोर है! यहां तक कि विदेश में भी उन्होंने अब दो स्टोर ओपन कर लिए हैं! उनके पास लगभग डेढ़ सौ लोगों की टीम है!
अंजलि ने बताया है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका सपना इतनी जल्दी पूरा हो जाएगा! क्योंकि अंजलि को लगता था कि 20-25 लाख रुपए उनके बिजनेस में जरूर इन्वेस्टमेंट के तौर पर जरूरत पड़ेगी और इतना पैसा नौकरी से जमा करने में उसे सालों साल लगने वाले थे! मगर कहा जाता है कि अगर आप हार नहीं मानते तो भगवान आपके लिए कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल देता है! अंजलि अब दूसरों के लिए प्रेरणा है!