कहानी भारत के ‘आखिरी रेलवे स्टेशन’ की, जहां का ज़र्रा-ज़र्रा अंग्रेजों के जमाने की याद दिलाता है!

भारत में कई ऐसे रेलवे स्टेशन हैं, जिनकी कहानी हैरान कर देने वाली है. हमने इस कड़ी में आपको भारत के कई अनोखे रेलवे स्टेशन्स के बारे में बताया है. कुछ रेलवे स्टेशनअपनी भूतिया कहानियोंके लिए जाने जाते हैं, कुछ ऐसे हैं जोदो राज्यों की सीमा में बंटे हुए हैं,तो कुछ रेलवे स्टेशन इसलिए प्रसिद्ध हैं क्योंकि वहांकेवल महिलाएं ही ड्यूटीकरती हैं.इसी कड़ी में आज हम आपको कहानी बताएंगे भारत के सबसे अंतिम रेलवे स्टेशन (Last Railway Station Of India) की. ये रेलवे स्टेशन आज भी लोगों को अंग्रेजों के जमाने की याद दिलाता है.
ये है भारत का अंतिम रेलवे स्टेशन
भारत के आखिरी रेलवे स्टेशन का नाम है सिंहाबाद. इस स्टेशन में कोई भी खास बात नहीं है सिवाय इसके कि ये अंग्रेजों के समय का है. जैसा अंग्रेज इसे छोड़कर गए थे ये आज भी वैसे का वैसा ही है. बता दें कि भारत का ये अंतिम रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के हबीबपुर इलाके में स्थित है और बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है.
इस रेलवे स्टेशन का इस्तेमाल मालगाडियों के ट्रांजिट के लिए किया जाता है. सिंहाबाद बांग्लादेश के इतना पास है कि लोग कुछ किमी दूर बांग्लादेश पैदल घूमने चले जाते हैं. इस छोटे से रेलवे स्टेशन पर ज्यादा लोग नहीं दिखते.जब भारत की आजादी के बाद देश का बंटवारा हुआ, उसके बाद से इस स्टेशन पर काम बंद कर दिया गया, जिसके बाद ये वीरान हो गया था.
1978 में इस स्टेशन पर ट्रेन की सीटियों की आवाज फिर से तब गूंजने लगी जब इस रूट पर मालगाड़ियां शुरू हुईं. ये गाड़ियां पहले भारत से बांग्लादेश आती-जाती थीं, इसके बाद नवंबर 2011 में पुराने समझौते में संशोधन के बाद नेपाल को इसमें शामिल कर लिया गया.