दुनिया के सबसे बड़े उल्कापिंड होबाकी कहानी, एक किसान को मिला था 80 हजार साल पुराना ये मेटोरिटे

Meteorite मतलब उल्कापिंड के बारे में हम सब थोड़ा बहुत जानते हैं. इससे जुड़ी खबरें अकसर पढ़ते भी रहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं पृथ्वी पर आजतक का सबसे बड़ा उल्कापिंड कब और कहां गिरा था और क्या आज भी ये मौजूद है ? अगर नहीं जानते तो चलिएआज आपको बताते हैं इस बारे में कुछ रोचक बातें.
दुनिया का सबसे बड़ा उल्कापिंड
आज तक के इतिहास में धरती पर गिरा सबसे बड़ा उल्कापिंड नामीबिया में मौजूद है. आम तौर पर उल्कापिंड वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद घर्षण से जलकर नष्ट हो जाते हैं लेकिन अफ्रीकी देश में मौजूद उल्कापिंड के इस हिस्से के साथ ऐसा नहीं हुआ. होबा नाम से जाने जाने वाले इस का वजन 60 टन से भी ज्यादा है. इसका वजन इतना ज्यादा है कि इसे कभी उठाया ही नहीं गया. इसी वजह से ये जहां गिरा था आज भी वहीं मौजूद है.
नामीबिया में गिरा था ये उल्कापिंड
नामीबिया के ओत्जोजोंडजुपा क्षेत्र के होबा वेस्ट में गिरने के कारण ही इस उल्कापिंड का नाम होबा रखा गया. ये सन 1920 था जब नामीबिया के एक स्थानीय किसान को अपने खेत में ये भारी भरकम उल्कापिंड दिखाई दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये उल्कापिंड उस किसान के खेत में इतनी गहराई तक धंसा हुआ था कि आज तक इसे हिलाया नहीं जा सका.
एक किसान को मिली थी ये अद्भुत चीज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक होबा वेस्ट इलाके का एक स्थानीय किसान, जिसका नाम कबस हरमनस ब्रिट्स है, को अपने खेत की जुताई करते हुए ये उल्कापिंड मिला था. खेत जुताई के दौरान उसका हल अचानक रुक गया. हल रुकने का कारण जानने के लिए किसान ने जब वहां की मिट्टी खोदी तो उसे धातु का एक बड़ा टुकड़ा मिला. इसके बाद तुरंत ही उस अनजान धातु की खुदाई शुरू कर दी गई. जब ये धातु पूरी तरह से सामने आया तब इसकी पहचान उल्कापिंड के रूप में हुई. जैसे जैसे ये खबर फैली वैसे वैसे दुनिया भर के वैज्ञानिकों का ध्यान इस उल्कापिंड की तरफ आकर्षित हुआ. इसके बाद तो इस पर अध्यनन करने के लिए यहां दुनियाभर के खगोलविदों की लाइन लगने लगी.