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मात्र 2000 रुपये की नौकरी करने वाले ने आज 28 हजार करोड़ का बिज़नेस एम्पायर बना दिया

Editor Editor
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हर व्‍यक्‍ति अपने जीवन में एक ऐसा कार्य करना चाहता है। जिससे उसे इस दुनिया में एक अलग पहचान मिले और लोग उसका नाम एक सफल व्‍यक्‍ति के तौर पर ले। इस इच्‍छा से लोग ऐसे कार्य कर जाते है, कि वह देश के करोड़ो युवाओं के लिए उदाहरण बन जाते है।

उनके कार्य को करने का जज्‍बा बिजनेस आइडिया (Business Idea) यह सब लोगों को उनकी और आकर्षित करने लगता है। ऐसे ही कार्य करने वालों मे से आज हम एक ऐसी कंपनी के मालिक की जानकारी लेकर आये है। जिनके बारे में जानकर आप भी उनकी तरह बनने के प्रयास में जुट जायेंगे।

यह वह बिजनेस मेन है, जिन्‍होंने भारत देश के करोड़ों युवाओं की जिंदगी में क्रांति ला दी है। उन्होंने ऐसे दो मुश्किल कामों को आसान कर दिया जिससे हर व्‍यक्‍ति अपने जीवन में चिंतित होता है।

हम बात कर रहे है, इंफोएज (Info Edge) और नौकरी डॉट कॉम (Naukri.com) कंपनी के मालिक संजीव बिकचंदानी (Sanjeev Bikhchandani) की। जिन्‍होने जीवन के सबसे मुश्‍किल 2 कार्य को आसान बना दिया। पहला एक बेहतर भविष्‍य के लिए एक शानदार नौकरी ढूंढना और दूसरा शादी के लिए एक सही जीवन साथी खोजना।

कंपनी इंफोएज़ ने इन दोनों काम को बहुत ही आसान कर दिया है। संजीव बिकचंदानी को उनके इस कार्य के लिए 2020 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया है। आइए आज जानते हैं, संजीव बिकचंदानी जी की सफलता के बिषय में।

नौकरी नहीं करना चाहते थे, बिकचंदानी
संजीव बिकचंदानी जी बताते हे, कि जब वह पढ़ाई कर रहे थे। तब उन्‍हें एहसास हुआ कि वह जिंदगी में सिर्फ नौकरी नहीं करना चाहते है, बल्‍कि वह कुछ अलग हटके करना चाहते है। वह कुछ बड़ा और अलग पहचान बनाने काम करना चाहते है और इसे ही साकार करने के लिए वह कॉलेज की पढ़ाई खतम करके अधिक समय तक नौकरी नहीं करे पाये। और कुछ बड़ा कार्य के करने के उद्देश्‍य से नौकरी छोड़कर अपने लक्ष्‍य को हासिल करने मे लग गये।
दो कंपनियों कि शुरूआत की

संजीव बिकचंदानी जी ने अपनी कंपनी कि शुरूआत अपने घर में ही नौकर के कमरे से की। सन 1990 में सबसे पहले उन्होंने अपने दोस्त के साथ 2 कंपनी इंडमार्क और इंफोएज़ की स्‍थापना की।

बिकचंदानी और उनके दोस्‍त ने केवल तीन साल तक ही साथ काम किया। उसके बाद सन 1993 में वह दोनों अलग हो गये। और जब उनकी पार्टनरशिप अलग हुई। तो संजीव बिकचंदानी जी के हिस्‍से में इंफोएज कंपनी आई। जिसका कार्य सैलरी से जुड़े सर्वे को करना था।

हालांकि इन कंपनी के शुरुआती दिनों में उन्‍हें ज्‍यादा प्रोफिट नहीं होता था। और पैसे बचाने के लिए उनकी कमाई काफी नहीं हुआ करती थी। इसलिए संजीव अपना खर्चा चलाने के लिए कोचिंग क्लास में पढ़ाना शुरू कर दिया और इन कक्षाओं को पढ़ाने के बाद संजीव को 2000 रुपये तक की महीने की कमाई मिलने लगी। जिससे वह अपना खर्चा निकाल पा रहे थे।

किस तरह आया नौकरी डॉट कॉम कि शुरूआत करने का विचार
सन् 1996 में संजीव बिकचंदानी जी दिल्ली में एक आईटी के एशिया एग्जिबिशन में गए थे और जब वह वहॉं गये तो उनकी नज़र वहां पर स्थित एक स्टॉल पर गई। जब वह वहॉं गये और उस स्‍टॉल वाले से कुछ पूछताछ की तो उन्‍हें पता चला कि वहॉ पर बीएसएनएल के ई मेल अकाउंट बेचे जाते है।

तब बिकचंदानी ने उस विक्रेता से ईमेल के बारे में पूछा, तो उन्‍होंने संजीव जी को ई मेल के बारे मे बताया। साथ ही इसका इस्तेमाल कैसे करते हे, इसकी जानकारी भी दी। यह सब जानने के बाद संजीव ने उस ई-मेल विक्रेता से उनके लिए भी एक वेबसाइट बनाने की बात कही। तो उस रिटेलर ने संजीव जी से कहा कि उनके सभी सर्वर यूएस में स्थित हैं। इसी वजह से वह उनके लिए वेबसाइट को नहीं बना पाएंगे।

संजीव बिकचंदानी जी के बड़े भाई अमेरिका में एक बिजनेस स्कूल में पढ़ाया करते थे। वह उस स्‍कूल के प्रोफेसर थे। संजीव बिकचंदानी जी ने उसी समय अपने भाई को फोन किया और कहा कि में एक वेबसाइट को स्‍टार्ट करना चाहता हूँ। लेकिन उन्‍हें वेबसाइट बनाने के लिए सर्वर की जरूरत है। लेकिन उनके पास में अभी बिल्‍कुल भी पैसा नहीं है।
उन्‍होने अपने भाई से पेसे मॉंगे और कहा कि वह उन पैसों को उन्हें बाद में लौटा देगा। इसके बाद संजीव जी के भाई उनकी इस बात को मान गये। ओर फिर संजीव बिकचंदानी जी ने नौकरी डॉट कॉम की शुरुआत कर दी।

नौकरी डॉट कॉम (Naukri Dot Com) की लॉन्चिंग
पैसों के इंतजाम के बाद जब वेबसाइट (Website) बनकर तैयार हो गई। तो इसे लान्‍च करने का कार्य बहुत ही दिक्‍कतों से भरा था। वेबसाइट बनने के बाद इसकी लॉन्चिंग करनी बाकी थी। उस समय जब 90 के दशक का दौर था। और मंदी का दौर चल रहा था। उस समय बहुत से लोग आपनी नौकरी से हाथ धो बैठे थ

उस समय संजीव जी और उनकी टीम ने सोचा कि वेबसाइट लॉन्च करने का यही समय सही है और उन्‍होंने इसी मंदी के दौर के बीच में आपनी बेवसाइट नौकरी डॉट कॉम (Naukri.com) को केवल कुछ डेटा के साथ ही लॉन्च कर दिया। और इस तरह से नौकरी डॉट कॉम की शुरूआत हो गई।

बिजनेस से होने वाला फायदा
जब संजीव बिकचंदानी ने नौकरी डॉट कॉम को लान्‍च किया। तो शुरूआत के पहले साल में उन्‍हें केवल 250000 रुपए का ही बिजनेस प्रॉफिट हुआ। जबकि उसमें 80 प्रतिशत नौकरियां फ्री में मिल रही थी। उसके दूसरे साल में संजीव की वेबसाइट ने 18 लाख का बिजनेस किया।

इसके बाद से ही उनकी वैल्‍यू मार्केट मे बढ़ गई। और इसके बाद लोगों ने संजीव बिकचंदानी जी को फंडिंग देने के लिए फोन लगाना प्रारंभ कर दिया। आज के समय की बात की जाये, तो संजीव बिकचंदानी जी की कंपनी इंफोएज़ की मार्केट वैल्‍यू करीब 85,760 करोड़ से भी अधिक है।

संजीव बिकचंदानी जी का बिजनेस आईडिया काफी यूनिक और मोटिवेशनल है। आज कह अपने एक नए इनोवेटिव आईडिया के जरिए करोड़ो की संपत्ति के मालिक बन गये है। हमारे देश को उनके जेसे ही इनोवेटिव लोगों कि जरूरत है।

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