सीसीएल के अधिकारियों ने यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने का दावा करने वाली दिव्या पांडेय के पिता को भी सम्मानित किया, क्योंकि वह सीसीएल में क्रेन ऑपरेटर हैं.
उधर, दिव्या पांडे के यूपीएससी पास करने की खबर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया में सुर्खिया बन गई, जबकि इसकी हकीकत कुछ और ही निकली.
असल में, यूपीएससी में 323वीं रैंक लानी वाली दिव्या पांडेय नहीं है, बल्कि वह तमिलनाडु की रहने वाली दिव्या पी (Divya P) हैं. इसी नाम और उपनाम की वजह से गलतीफहमी पैदा हुई थी.
दिव्या पी की UPSC रिजल्ट में 323वीं रैंक आई है.
बताया गया कि दिव्या पांडेय के परिजनों ने यूपीएससी की वेबसाइट पर भी रिजल्ट चेक करने की कोशिश की थी, लेकिन उस दौरान इंटरनेट काम नहीं कर रहा था. इसलिए दोस्तों की ही बात पर विश्वास कर लिया.
अब यूपीएससी रिजल्ट के परिणाम से दिव्या के परिवारवाले एक ओर जहां हताश और निराश हैं, तो वहीं दूसरी ओर दिव्या भी मायूस हो गई हैं.
दिव्या का समाज के लोगों ने सम्मान किया था.
दिव्या के माता पिता के कहा, हम लोगों से बहुत बड़ी गलती हो गई, जिसके कारण समाज में आज शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है. इस त्रुटि के लिए हमलोग क्षमाप्रार्थी हैं. परिवार ने जिला प्रशासन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) से माफी मांगी है.