fbpx

कभी दिल्ली के कॉलेज में पढ़ती थी. चली गयी अमेरिका; आज बन चुकी है 230 करोड़ रुपये की मालकिन

Editor Editor
Editor Editor
3 Min Read

आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां आज महिलाएं नहीं पहुंच सकतीं. ऐसी ही एक महिला का नाम गीता गोपीनाथ है, जिन्होंने न ही सिर्फ आईएमएफ की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री होने का गौरव हासिल करा है.

आज गीता गोपीनाथ कई महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बन गई हैं. वह पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब गीता गोपीनाथ ने भारत की जीडीपी को लेकर एक इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विकास यानी वैश्विक आर्थिक विकास में गिरावट को लेकर अपनी बात रखी थी.

8 दिसंबर 1971 को कोलकाता में गीता गोपीनाथ का जन्म हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कर्नाटक के मैसूर के निर्मला कॉन्वेंट स्कूल में करी है. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद गीता ने आगे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से पूरी करी. गीता ने इक्नोमिक्स में स्नातक की उपाधि प्राप्त करी.

45 2

अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए गीता वाशिंगटन चली गईं. वहां गीता ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करी. अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में काम करा. उन्होंने साल 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पीएचडी करी. फिर बाद में गीता वहां प्रोफेसर के तौर पर काम करने लगीं.

गीता गोपीनाथ की महेनत और काबिलियत को देखते हुए उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके साथ ही उनको आईएमएफ के अनुसंधान विभाग के निदेशक की जिम्मेदारी भी दी गई थी. गीता इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड में यह पद संभालने वाली पहली महिला भी हैं.

46 5

49 वर्षीय गीता भारतीय मूल की अमेरिकी हैं. जो आईएमएफ में अनुसंधान विभाग और आर्थिक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं. उनको साल 2011 में विश्व आर्थिक मंच द्वारा एक युवा वैश्विक नेता के रूप में भी मान्यता दी जा चुकी है और गीता को साल 2014 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा 45 के तहत शीर्ष 25 अर्थशास्त्रियों में सूचीबद्ध किया गया था.

साल 2019 में उनको भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा प्रवासी भारतीय सम्मान, भारतीय मूल के व्यक्ति के लिए सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करा गया था. उन्होंने साल 2016 और 2018 के बीच केरल के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार के रूप में भी कार्य करा है.

Share This Article