वैज्ञानिकों को मिला 38 करोड़ साल पुराना हृदय

पश्चिमी आस्ट्रेलिया के किम्बरले क्षेत्र की चूना पत्थर की पर्वतमाला में फिट्जराय क्रासिंग शहर के समीप दुनिया की सबसे अच्छी संरक्षित प्राचीन प्रवाल शैलमाला मिलेगी। यहां प्राचीन काल के समुद्री जानवरों के असंख्य अवशेष रखे हैं, जिनमें प्लेकोडर्म भी शामिल है। मछली का यह वर्ग हमारे शुरुआती जबड़े वाले पूर्वजों का प्रतिनिधित्व करता है। इन अवशेषों में एक हृदय का जीवाश्म मिला है, जो लगभग 38 करोड़ साल पुराना है।
यह डेवोनियाई काल (419-359 मिलियन वर्ष पूर्व) में पाई जाने वाली एक मछली का हृदय है, जिनके जबड़े में हृदय हुआ करता था। उस समय किसी कशेरुकी (रीढ़ वाले) जंतु में गर्दन इतनी छोटी हुआ करती थी कि हृदय गले के पीछे और गलफड़ा के नीचे था। ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित एक शोध पत्र के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने किसी कशेरुकी जंतु के सबसे पुराने त्रि-आयामी संरक्षित एक अंग का विस्तारपूर्वक अध्ययन किया और पाया कि यह उस जंतु का हृदय था। एक जबड़े वाले कशेरुकी जंतु (प्लेकोडर्म) का यह हृदय करीब 38 करोड़ वर्ष पुराना पाया गया है।
यह तकनीक दोधारी तलवार पर चलने के समान है, क्योंकि इसमें जीवाश्म में नरम ऊत्तक खत्म हो जाते हैं। सबसे पहले वर्ष 2000 में प्लेकोडर्म के जीवाश्म में मांसपेशी के टुकड़े मिले थे। इसके बाद एक्स-रे पद्धति का इस्तेमाल कर 2010 में गोगो प्लेकोडर्म की और मांसपेशियों का पता चला, जिसमें गर्दन और पेट की मांसपेशियां शामिल थीं।
इस तकनीक का इस्तेमाल कर वैज्ञानिकों ने पहली बार यह दिखाया कि डोवेनियाई काल की मछली में लीवर, पेट और आंत मौजूद था। इनमें सबसे दिलचस्प खोज हृदय था।