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समंदर में मछली पकड़ रहा था पाकिस्तानी मछुआरा, हाथ लगी दुर्लभ मछली और बदल गई किस्मत

Editor Editor
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कब कहां और किस हाल में किसी इंसान का किस्मत बदल जाए कोई नहीं कह सकता है। और पाकिस्तान के एक मछुआरे ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसकी किस्मत अचानक पलटेगी और वो लाखपति बन जाएगा। पाकिस्तानी मछुआरे के हाथ एक ऐसी मछली लगी कि उसकी किस्मत एक झटके में सितारों में पहुंच गई और वो लाखपति बन गया।

मछली ने लखपति बनाया पाकिस्तान का ये मछुआरा ग्वादर इलाके में मछली पकड़ने का काम करता है और अरब सागर में मछली पकड़ते वक्त उसके हाथ में अनोखी मछली लगी है। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक बेहद गरीब मछुआरा अब लखपति हो गया है। पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक ग्वादर इलाके में अरब सागर में मछली पकड़ते वक्त मछुआरे के हाथ में 48 किलो वजनी एक दुर्लभ मछली लग गई और वो एक झटके में लखपति बन गया।

72 लाख की है मछली अरब सागर में मछली पकड़ने वाले इस मछुआरे का नाम है मालिक साजिद हाजी अबाबकर। साजिद अरब सागर में मछली पकड़कर अपना और अपने परिवार का पेट पालने का काम करता था। लेकिन, इस बार जब साजिद मछली पकड़ने समुद्र में गया तो उसके हाथ 48 किलो की एक दुर्लभ मछली लग गई, जिसकी कीमत करीब 72 लाख रुपये है। साजिद ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसके हाथ 72 लाख रुपये की मछली लग जाएगी। पाकिस्तानी अखबार डान के मुताबिक ये मछली बेहद दुर्लभ प्रजाति क्रोआकेर प्रजाति की है और ये काफी महंगी बिकती है।

लाखों रुपये की होती है क्रोआकेर मछली पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक क्रोआकेर प्रजाति की मछली काफी ज्यादा महंगी होती है। वहीं, मछुआरे साजिद ने अखबार को बताया कि जिस समय वो मछली पकड़ने अरब सागर में उतरा था उस वक्त नाव वाहिद बलोच चला रहा था। वहीं, ग्वादर के मत्स्य पालन मामलों के उप-निदेशक अहमद नदीम के मुताबिक उन्होंने इससे पहले इतनी महंगी मछली कभी नहीं देखी थी।

यूरोप में प्रसिद्ध है क्रोआकेर मछली 48 किलो की मछली 72 लाख रुपये में बिकी है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्रोआकेर मछली कि डिमांड कितनी हो सकती है और ये मछली कितनी महंगी हो सकती है। वहीं, मछुआरे साजिद के मुताबिक एक बार नीलामी के दौरान मछली की कीमत 86 लाख रुपये चली गई थी और इस बार उसने मछली की कीमत में छुट देते हुए उसे 72 लाख रुपये में बेचा है। वहीं, पाकिस्तान के मरीन बॉयालॉजिस्ट अब्दुल रहीम बलोच के मुताबिक क्रोआकोर मछली की डिमांड चीन और यूरोप में काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि ‘अपने मांस की क्वालिटी और टेस्ट की वजह से क्रोआकेर मछली काफी ज्यादा महंगी बिकती है। इस मछली के शरीर के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल दवा बनाने और सर्जरी के लिए किया जाता है।’ उन्होंने कहा कि ‘कुछ समय पहले एक और पाकिस्तानी मछुआरे ने क्रोआकोर मछली को पकड़ा था और उस वक्त ये मछली करीब साढ़े सात लाख रुपये में बिकी थी।’

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