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3000 फीट ऊंचाई पर मिली रहस्यमयी गणेश प्रतिमा ?? प्रकट हुए पौराणिक कथाओं से जुड़े कई राज.. यह जानकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी..

3000 फीट ऊंचाई पर मिली रहस्यमयी गणेश प्रतिमा ?? प्रकट हुए पौराणिक कथाओं से जुड़े कई राज.. यह जानकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी..

इस कथा से जुड़े हैं संबंध.. आपने पौराणिक कथाओं में गणेश और परशुराम के युद्ध के बारे में तो सुना ही होगा. इस युद्ध में परशुराम ने अपनी कुल्हाड़ी से गणेश का एक दांत काट दिया। कहा जा रहा है कि यह लड़ाई इसी ढोलकल पहाड़ी पर हुई थी। शायद यही कारण है कि नागवंश के राजाओं ने इस पहाड़ी पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की थी।

आदिवासी लोग मूर्ति को रक्षक मानते हैं.. वर्तमान में यहां रहने वाले आदिवासी इस मूर्ति की पूजा करते हैं। ये लोग उन्हें अपना रक्षक मानते हैं। यहां परशुराम ने अपनी कुल्हाड़ी से गणेश के दांत काट दिए, इसलिए इस पहाड़ी के नीचे बने गांव का नाम फरसपाल पड़ा।

इसलिए इसका नाम ढोलक.. दरअसल इस पहाड़ी की चोटी जहां गणेश की मूर्ति रखी गई है, आकार में काफी बेलनाकार है जो ड्रम की तरह दिखती है। इसके अलावा जब इस पहाड़ी पर ढोल बजाया जाता है तो इसकी आवाज दूर-दूर तक सुनाई देती है। जिसमें स्थानीय भाषा में ‘काल’ का अर्थ पर्वत होता है। यही कारण है कि इसका नाम ढोलकल पड़ा।

आपको बता दें कि इस पहाड़ी पर चढ़ना बेहद मुश्किल है। लोग यहां विशेष अवसरों पर ही आते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। पुरातत्व विभाग के अनुसार गणेश जी की ऐसी अद्भुत मूर्ति बस्तर में कहीं नहीं मिलती है, जिसके कारण उस समय इस मूर्ति को बनाने की तकनीक का प्रयोग आज भी रहस्य बना हुआ है।

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