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मुकेश अंबानी ने यूं ही नहीं किया बड़े बेटे आकाश का ‘राजतिलक’.. जानिए कैसे धीरे-धीरे बढ़े कदम

Editor Editor
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देश के प्रमुख औद्योगिक घराने रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) में उत्तराधिकार योजना की पहली बड़ी घोषणा मंगलवार को हुई। इसमें 30 वर्षीय आकाश अंबानी (Akash Ambani) को रिलायंस जियो (Reliance Jio) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस तरह आकाश के पिता मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) 65 वर्ष की आयु में अगली पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपते हुए देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी के बोर्ड से हट गए हैं। मुकेश और पत्नी नीता अंबानी (Nita Ambani) के तीन बच्चों- आकाश, ईशा (जुड़वां) और अनंत (27 वर्ष) में से किसी एक द्वारा ग्रुप की किसी प्रमुख कंपनी में नेतृत्व संभालने का यह पहला उदाहरण है।

तीनों बच्चे इन कंपनियों के बोर्ड में हैं शामिल
आकाश और ईशा पहले से ही समूह की सबसे तेजी से बढ़ती नए जमाने की इकाइयों- जियो और रिलायंस रिटेल के बोर्ड में शामिल हैं। जबकि, अनंत (तीनों में सबसे छोटे) अन्य दो बच्चों के साथ जियो प्लेटफॉर्म के बोर्ड में शामिल हैं। मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की बात करें, यहां बोर्ड में अभी बच्चों को शामिल किया जाना बाकी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज में अभी मुकेश और नीता अंबानी ही परिवार का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुकेश अंबानी जियो प्लेटफॉर्म्स और रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के अध्यक्ष भी बने हुए हैं।

आकाश और ईशा पिछले कुछ वर्षों से टेलीकॉम और रिटेल संस्थाओं से संबंधित अधिकांश कॉर्पोरेट घोषणाओं के दौरान विशेष रूप से दिखाई दे रहे थे। आकाश अंबानी साल 2014 में रिलायंस जियो के बोर्ड में शामिल हुए थे। मंगलवार को एक्सचेंजों को दी गई एक फाइलिंग में जियो ने घोषणा की कि बोर्ड द्वारा सोमवार को फैसले पर अनुमति दे देने के बाद आकाश अंबानी ने अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला है। जियो से मुकेश अंबानी का इस्तीफा भी तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया। जबकि लंबे समय से रिलायंस ग्रुप से जुड़े पंकज पवार को 5 साल के लिए Jio के एमडी के रूप में नियुक्त किया गया था।

आकाश को मिला है जियो प्लेटफॉर्म्स में बड़ी फंडिंग जुटाने का श्रेय
गौरतलब है कि आकाश ने मुंबई में धीरूभाई अंबानी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बाद में ब्राउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुए। टेलीकॉम और रिटेल में समूह के विस्तार के लिए लॉन्च और विकास रणनीतियों को चाक-चौबंद करने के अलावा आकाश को 2020 में जियो प्लेटफॉर्म्स में बड़ी फंडिंग जुटाने का श्रेय भी दिया गया है। आश्चर्यजनक रूप से यह फंडिंग महामारी के सबसे जटिल समय में आई। कंपनी ने इस दौरान 4.6 लाख करोड़ रुपये की वैल्यूएशन पर 1.5 लाख करोड़ रुपये जुटाए। जियो प्लेटफॉर्म्स ने यह फंडिंग फेसबुक, गूगल, इंटेल, केकेआर और सिल्वर लेक जैसी कंपनियों से जुटाई।.

फंडिंग के बाद शुरू हुई उत्तराधिकार योजना की बात
इस फंडिंग के बाद समूह के भीतर उत्तराधिकार योजना के बारे में बातचीत शुरू हो गई थी। हालांकि, आधिकारिक तौर पर कंपनियों ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। संभावित उत्तराधिकार योजना के साथ बाजार पहले से ही अस्त-व्यस्त था, क्योंकि जियो प्लेटफॉर्म की आधिकारिक मीडिया घोषणाओं में आमतौर पर आकाश के कोट्स होते थे, जबकि रिटेल से संबंधित घोषणाओं में ईशा की टिप्पणियां होती थीं। इससे यह अटकलें तेज हो गई थीं कि ईशा को खुदरा कारोबार का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया जा सकता है।

जियो ने बदला टेलीकॉम इंडस्ट्री का व्यापार मॉडल
रिलायंस जियो ने साल 2016 के सितंबर में वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने के बाद इस इंडस्ट्री के पूरे व्यापार मॉडल को ही बाधित कर दिया था। कंपनी ने वॉयस कॉलिंग को लगभग मुफ्त कर दिया था, जो मोबाइल डेटा / इंटरनेट की कीमतों में गिरावट का कारण बना। वित्त वर्ष 2022 के करीब रिलायंस की डिजिटल बिजनेस यूनिट, जिसमें मुख्य रूप से Jio शामिल है, का टर्नओवर 1 लाख करोड़ रुपये था। इस तह इसने रिलायंस के 7.9 लाख करोड़ रुपये के टर्नओवर में लगभग 13% का योगदान दिया था।

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