वैसे तो कलियुग को पापियों का युग माना जाता है, लेकिन भगवान विष्णु भी इसी युग में अवतार लेंगे। उनके जन्म का समय भी निश्चित किया गया है। हिंदू शास्त्रों में भगवान के अवतार की कई घटनाओं का उल्लेख है।
उनके अनुसार जब भी पृथ्वी पर पाप बढ़ गया है या जीवों पर कोई विपत्ति आई है, तो उन्हें बचाने के लिए भगवान ने अवतार लिया है। कभी ये अवतार भगवान से मानव रूप में तो कभी दूसरे रूपों में जन्म लेते हैं। भगवान विष्णु ने भी अपने भक्तों की रक्षा के लिए कई अवतार लिए हैं। शास्त्रों के अनुसार कलियुग में भी भगवान विष्णु अवतार लेंगे।
कल्कि के रूप में अवतार लेंगे
ऋग्वेद के अनुसार कालचक्र चार युगों में चलता है। ये युग हैं सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। अभी कलियुग चल रहा है। इस कलियुग में श्री हरि विष्णु कल्कि का अवतार लेंगे। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भी पृथ्वी पर पापों की महानता और पापियों का अत्याचार होता है, भगवान श्री विष्णु ने पृथ्वी पर अवतार लिया और पृथ्वी को अत्याचारियों के आतंक से मुक्त किया।
हर युग में भगवान विष्णु ने अलग-अलग अवतार लेकर लोगों को ज्ञान और प्रतिष्ठा का पाठ पढ़ाया है। सतयुग से कलियुग तक के धार्मिक पुराणों में भगवान विष्णु के कुल 24 अवतारों का उल्लेख मिलता है। इनमें से 23 अवतार हो चुके हैं और कलियुग में अंतिम कल्कि अवतार आना बाकी है।
कल्कि कब अवतार लेंगी?:
24वें अवतार की बात करें तो पुराणों में बताया गया है कि भगवान विष्णु का यह अवतार भगवान कलियुग और सतयुग के संगम पर होगा। यानी जब कलियुग का अंत हो जाएगा और सतयुग शुरू होने वाला है। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु का यह अवतार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होगा। इसलिए हर साल इसी तिथि को कल्कि जयंती भी मनाई जाती है।
भगवान कल्कि के जन्म के समय बृहस्पति, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में होंगे और भगवान कल्कि के जन्म के साथ ही सतयुग की शुरुआत होगी। आपको बता दें कि भगवान कृष्ण के वैकुंठ वापस जाने के बाद कलियुग की शुरुआत हुई थी।
यह होगा फॉर्म:
श्रीमद्भागवत के अनुसार भगवान विष्णु के कल्कि अवतार 64 कलाओं से संपन्न होंगे। भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करेंगे और धरती पर धर्म की पुन: स्थापना करेंगे।