भारत ने मलेशिया को 18 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) “तेजस” बेचने की पेशकश की है। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस भी सिंगल इंजन वाले जेट में रुचि दिखा रहे हैं। बता दें कि भारत सरकार ने पिछले साल सरकार के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया था।
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) खरीदने के वास्ते पिछले साल फरवरी में एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का करार किया था। एचएएल को इन विमानों की 2023 से डिलीवरी शुरू करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार विदेशी रक्षा उपकरणों पर भारत की निर्भरता को कम करने की इच्छुक है। इसके अलावा सरकार भारत में बने जेट विमानों के निर्यात के लिए राजनयिक प्रयास भी कर रही है। तेजस एक खास विमान है। हालांकि इसकी डिजाइन से लेकर अन्य कुछ चुनौतियां भी हैं। एक बार भारतीय नौसेना द्वारा इसे बहुत भारी विमान होने के चलते खारिज कर दिया गया था।
रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को पिछले साल अक्टूबर में रॉयल मलेशियाई वायु सेना से एक प्रस्ताव मिला था। इसका जवाब देते हुए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने 18 जेट विमानों के बेचने का रखा था, जिसमें तेजस के दो सीटों वाले संस्करण को बेचने की पेशकश की गई थी।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपीन समेत छह देशों ने भारत के तेजस विमान में रुचि दिखाई है, वहीं मलेशिया ने अपने अधिग्रहण कार्यक्रम के तहत पहले ही इस विमान को खरीदने की योजना बनाई है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को यह जानकारी दी। उनके जवाब के अनुसार तेजस विमान में दिलचस्पी दिखाने वाले अन्य दो देश अर्जेंटीना और मिस्र हैं।