इंडिया आर्मी को मिला पहला मेड इन इंडिया लड़ाकू हेलिकॉप्टर, जानें खूबियां

इंडिया आर्मी को मिला पहला मेड इन इंडिया लड़ाकू हेलिकॉप्टर, जानें खूबियां

एयरफोर्स के बेड़े में पहली बार देश में बना लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल होने जा रहा है। खास बात यह है कि हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर की पहली स्क्वाड्रन की तैनाती जोधपुर में की जाएगी। एल.सी.एच. हवा से हवा में और हवा से जमीन पर गोलियों से लेकर मिसाइल तक दाग सकता है। दुश्मन के हमले पर यह पायलट व गनर को अलर्ट भी कर देगा।

8 अक्टूबर को एयरफोर्स डे के अवसर पर यह लड़ाकू हेलीकॉप्टर एयरफोर्स के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। एक स्क्वाड्रन में 12 हेलीकॉप्टर होते हैं। एलसीएच का निर्माण हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड की ओर से किया गया है। हालांकि अभी तय नहीं है कि जोधपुर एयरबेस पर कितने हेलीकॉप्टर शामिल होंगे, लेकिन माना जा रहा है कि करीब 10 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिल सकते हैं।

जोधपुर में इसकी तैनाती के साथ ही पश्चिमी सीमा पर एयरफोर्स की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अमेरिका में निर्मित लड़ाकू हेलिकॉप्टर अपाचे से कहीं ज्यादा अपग्रेडेड है।

2006 में स्वीकृति, 2022 में आर्मी को मिले हेलिकॉप्टर
2006 में केन्द्र सरकार ने अटैक हेलीकॉप्टर के निर्माण की स्वीकृति दी थी। इसके बाद एल.सी.एच. ने इसके निर्माण का काम हाथ में लिया। 2013 में सेना भी इस परियोजना से जुड़ गई। भारतीय सेना में इस वर्ष जून में एल.सी.एच. की पहली स्क्वाड्रन शामिल कर ली गई थी। सेना ने इसके लिए एचएएल को 95 एलसीएच का ऑर्डर दे रखा है।

मार्च 2022 में सरकार ने करीब 4 हजार करोड़ रुपए की लागत के 15 हेलीकॉप्टर का ऑर्डर एच.ए.एल. को दिया था। इसमें से 10 एयरफोर्स व 5 आर्मी के लिए है। उसी कड़ी में अब सबसे पहले एयरफोर्स को एलसीएच मिलेंगे।

फलौदी एयरबेस में होगा तैनात
जोधपुर में वर्तमान में फाइटर जेट सुखोई की एक स्क्वाड्रन तैनात है। नवनिर्मित फलौदी एयर बेस पर एम-17 के अपग्रेडेड वर्जन के हेलीकॉप्टर की एक स्क्वाड्रन है। ऐसा माना जा रहा है कि एलसीएच की नई स्क्वाड्रन की तैनाती फलौदी में ही की जाएगी।

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