दुश्मन देश ने पहली बार हाइपरसोनिक बुलेट का किया टेस्ट, जानिए जिंदा सूअर के शरीर पर क्या हुआ असर?

दुश्मन देश ने पहली बार हाइपरसोनिक बुलेट का किया टेस्ट, जानिए जिंदा सूअर के शरीर पर क्या हुआ असर?

भारत का दुश्मन चीन लगातार हथियारों की दुनिया में घातक और विध्वंसक हथियारों का निर्माण कर रहा है और अब चीन अपने हाइपरसोनिक हथियार कार्यक्रम को छोटे हथियारों के स्तर तक लाने की दिशा में काफी तेजी से काम कर रहा है। पिछले साल चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जिससे अंतरिक्ष से किसी देश पर हमला किया जा सकता है और अब चीन ने हाइपरसोनिक बुलेट का लाइव टार्गेट हिट टेस्ट किया है और माना जा रहा है, कि चीन का हाइपरसोनिक बुलेट हथियारों की दुनिया को पूरी तरह से बदल देगा।

हाइपरसोनिक बुलेट का लाइव टेस्ट आपको बता दें कि, लाइव टारगेट हिट करने का मतलब ये होता है, कि हथियार परीक्षण के दौरान किसी जीवित लक्ष्य को भेदना और इस लाइव टागरेट हिट टेस्ट के दौरान चीन ने सूअरों पर हाइपरसोनिक बुलेट दागे हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने इस सप्ताह की रिपोर्ट में बताया है कि, चोंगकिंग में एक आर्मी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने हाल ही में मच-11 की गति से 5 मिलीमीटर स्टील प्रोजेक्टाइल को जीवित सूअरों पर दागकर बुलेट का परीक्षण किया है, ताकि मानव लक्ष्यों पर हाइपरसोनिक गोलियों के प्रभाव को समझा जा सके। चाइना ऑर्डनेंस सोसाइटी के एक्टा आर्ममेंटरी पीयर-रिव्यू जर्नल के एक पेपर का हवाला देते हुए, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है, चीन ने जीवित सूअर के जांग पर पहली गोली चलाई थी, ताकि उसके प्रभाव को समझा जा सके। इसमें पता चला, कि जांघ पर गोली लगने के बाद सूअर की जान तो नहीं गई, लेकिन बुलेट का असर सूअर के पूरे शरीर पर पड़ा और पूरा शरीर घायल हो गया।

बुलेट का सूअर पर गंभीर असर साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि, हाइपरसोनिक बुलेट लगने के बाद सूअरों के शरीर पर काफी गंभीर जख्म पहुंचे हैं और मुख्य रूप से उसके पैरों की हड्डी चूर-चूर हो गई और बुलेट लगने के बाद सूअर की आंत, फेफड़े, मूत्राशय और उसके दिमाग से खून निकलना शुरू हो गया। इन अंगों पर गंभीर चोटें आईं थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि, हाइपरसोनिक बुलेट सूअप की जांघ में 1,000 से 3,000 मीटर प्रति सेकंड की गति से प्रवेश करने पर क्या होता है और 4,000 मीटर प्रति सेकंड की गति से बुलेट लगने से क्या होता है, इसकी जांच की गई और 4,000 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से गोली लगने के बाद सूअर का शरीर खून से लथपथ हो गया और जांघ के जिस हिस्से पर गोली लगी थी, वो स्थान पूरी तरह से खाली हो गया।

हाइपरसोनिक बनाम सामान्य बुलेट साधारण गोलियां आमतौर पर 1,200 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलाई जाती हैं और ये रफ्तार काफी ज्यादा होती हैं, जिससे बुलेट काफी आसानी के साथ किसी ठोस वस्तु को भेद देती हैं, लेकिन हाइपरसोनिक बुलेट के साथ ये होता है, कि उसकी रफ्तार तो काफी ज्यादा होती है, लेकिन काफी ज्यादा ऊर्जा निकलने की वजह से बुलेट का गलनांक तापमान काफी ऊंचा पहुंच जाता है, जिससे किसी ठोस वस्तु में गोली की प्रवेश करनी की क्षमता कम हो जाती है, लेकिन असर कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, लक्ष्य के संपर्क में आने पर चीन की हाइपरसोनिक गोलियां जलती हुई दिख रही थीं, जिसका प्रभाव टारगेट पर यह होता है, कि टारगेट के अंदर एक साथ जबरदस्त ऊर्जा पहुंचता है, लेकिन इस दौरान बुलेट पिघल गया और बिखर गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि, हाइपरसोनिक बुलेट लगने के बाद सूअर के शरीर के जिस हिस्से पर गोली लगी थी, वहां काफी बड़ा घाव हो गया और गोली के साथ साथ उस हिस्से का मांस पूरी तरह से पिघल गया था और करीब 6 घंटे कर परीक्षण करने के बाद सूअर को मार दिया गया।

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