राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में हुई भर्तियों में फर्जी और डमी अभ्यर्थियों की अधिकता सामने आने के बाद, राज्य की विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) टीम ने सरकार से पिछले पांच वर्षों की सभी भर्तियों का दोबारा वेरीफिकेशन कराने की मांग की है।
फर्जी डिग्री और दस्तावेज: एक गंभीर समस्या
राजस्थान में पीटीआई भर्ती सहित विभिन्न भर्तियों के वेरीफिकेशन के दौरान फर्जी डिग्री और दस्तावेज मिलने के साथ ही डमी कैंडिडेट के मामले सामने आए हैं। यह समस्या इस हद तक गंभीर हो गई है कि एसओजी को शक है कि पिछले पांच वर्षों में हुई विभिन्न भर्तियों में भी इस तरह के फर्जीवाड़े हुए होंगे।
वेरीफिकेशन की मांग: पिछले 5 सालों की भर्तियां
एसओजी की टीम ने 2019 से 2023 तक की भर्तियों की जांच के लिए पत्र लिखा है। इसके बाद कार्मिक विभाग ने सभी संबंधित विभागों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है। पिछले पांच वर्षों में विभिन्न भर्तियों के आंकड़ों को देखते हुए यह जांच बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।
भर्ती के आंकड़े: एक विस्तृत दृष्टिकोण
पिछले 5 वर्षों में विभिन्न विभागों में कुल मिलाकर करीब 2.40 लाख भर्तियां निकली हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:
- 5546 पीटीआई
- 10,000 कंप्यूटर अनुदेशक
- 9760 वरिष्ठ अध्यापक
- 3000 सीईटी स्नातक स्तर
- 6000 स्कूल व्याख्याता
- 460 लाइब्रेरियन
- 3531 सीएचओ
इसके अतिरिक्त, कई भर्तियों के परिणाम अभी आना बाकी हैं और इस दौरान पेपर लीक के कई मामले भी सामने आए हैं।
फर्जीवाड़े का खुलासा: दलालों की गिरफ्तारी के बाद
विभिन्न भर्तियों में फर्जीवाड़े के मामले में दलालों की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कई अभ्यर्थियों ने बाहरी राज्यों से फर्जी तरीके से सर्टिफिकेट बनवाकर आवेदन फॉर्म भरे और नौकरी प्राप्त करने का प्रयास किया।
निष्कर्ष: कड़े कदमों की आवश्यकता
एसओजी की मांग और कार्मिक विभाग द्वारा जारी नोटिस यह स्पष्ट करते हैं कि राज्य में भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सत्यता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार और संबंधित विभागों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी भर्तियों का दोबारा वेरीफिकेशन सही तरीके से हो और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
कार्मिक विभाग द्वारा जारी नोटिस को ध्यानपूर्वक पढ़ें और यदि आप भी किसी भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा हैं, तो अपनी डिग्री और दस्तावेजों की सत्यता को सुनिश्चित करें।
इस स्थिति में सभी अभ्यर्थियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे सच्चाई और ईमानदारी से आगे बढ़ें ताकि भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़े की घटनाएं न हों।