बचपन में पकड़ा था बल्ला, पिता की मौत के समय भी नहीं रुका जस्वा!! जाने कैसे चीकू बना ‘किंग कोहली’..?
विराट कोहली का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में 5 नवबंर 1988 को हुआ. विराट मूलरूप से मध्य प्रदेश (MP) के कटनी के रहने वाले हैं. मध्य प्रदेश से कोहली का गहरा नाता था. विराट के दादा विभाजन के वक्त कटनी आ गए थे. लेकिन विराट के पिता प्रेम कोहली परिवार को लेकर दिल्ली चले आए थे.
बचपन की इस तस्वीर में कप्तान विराट कोहली को उनकी मां सरोज प्यार से पकड़ी हुई हैं, साथ ही उनके भाई विकास कोहली भी मौजूद हैं.
इस तस्वीर में विराट कोहली के साथ उनकी मां सरोज और बड़ी बहन भावना हैं. विराट कोहली अपनी बड़ी बहन के साथ केक काटते हुए नजर आ रहे हैं.
इस तस्वीर में विराट कोहली अपने पिता प्रेम कोहली और दोस्तों के साथ केक शेयर करते हुए नजर आ रहे हैं.
इस तस्वीर को देखकर शायद ही कोई कल्पना करे कि जिन्होंने यह खिलौना पकड़ रखा है, आज उन्हीं के हाथों में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान है.
विराट की क्रिकेट के प्रति दीवानगी देखने लायक थी. कोहली बचपन से ही सचिन तेंदुलकर की ही तरह एक बेहतरीन क्रिकेटर बनना चाहते थे.
विराट के क्रिकेट के प्रति इसी जुनून के चलते उनके पिता प्रेम कोहली ने 9 साल की उम्र में ही उन्हें क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलवानी शुरू कर दी थी. विराट के पिता उन्हें स्कूटर पर बैठाकर पहली बार वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकादमी लेकर गए थे.
कोहली ने अपनी क्रिकेट की ट्रेनिंग दिल्ली क्रिकेट अकादमी में पूरी की थी. कोहली ने राजकुमार शर्मा की कोचिंग में क्रिकेट की बारीकियां सीखीं.
विराट कोहली साल 2006 में जब राहुल द्रविड़ से मिले थे तो अपने रोल मॉडल को अपने सामने देख वह उनसे आंखें भी नहीं मिला पा रहे थे.
19 दिसंबर 2006 को विराट के पिता प्रेम कोहली का 54 साल की उम्र में ब्रेन स्ट्रोक की वजह से निधन हो गया था. उस वक्त विराट महज 18 साल के थे और वह दिल्ली में रणजी ट्रॉफी में खेल रहे थे. दिल्ली का वह मैच कर्नाटक के खिलाफ था. कोहली ने दिल्ली को फॉलोऑन से बचाने के लिए 90 रनों की शानदार पारी खेली. उसके बाद ही वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी. यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था.
इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था.
विराट को 2011 वर्ल्ड कप टीम में चुना गया और उन्होंने अपने पहले ही वर्ल्ड कप मैच में बांग्लादेश के खिलाफ शतक जड़ दिया. इसके बाद कोहली ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
साल 2012 में हुए ऑस्ट्रेलियाई दौर पर जब टॉप भारतीय बल्लेबाज रन बनाने से जूझ रहे थे तब कोहली ने एडिलेड टेस्ट में शतक जड़कर कंगारुओं को अपना दम दिखाया.
साल 2012 में ही खेली गई सीबी सीरीज में कोहली ने श्रीलंका के दिए 321 रनों के लक्ष्य को बौना साबित करते हुए 36.4 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया. कोहली ने शानदार 133 रनों की नाबाद पारी खेली थी. उनकी इस पारी ने उन्हें बेस्ट रन चेजर के रूप में पहचान दिलाई.