आईएनएस विक्रांत बनाने में 30,000 टन स्पेशल स्टील का हुआ है उपयोग, जानते हैं इसे किसने बनाया है?

समंदर की लहरों पर तैरने वाले पोत (Naval Ship) में स्पेशल ग्रेड का स्टील (Specialty Steel) लगता है। तकनीकी भाषा में इसे डीएमआर ग्रेड (DMR Grade) स्पेशियलिटी कहते हैं। इसे देश में ही डीएमआरएल और कुछ और संगठनों की मदद से महारत्न सरकारी कंपनी सेल (Steel Authority of India Limited) ने डेवलप किया है। इस तरह के स्टील को बनाने की क्षमता दुनिया के कुछ ही देशों के पास है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने देश के पहले स्वदेशी रूप से निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए सारी डीएमआर ग्रेड स्पेशियलिटी स्टील की सप्लाई की है। कंपनी ने इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने के साथ “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में मजबूत कदम उठाया है।भारतीय नौसेना के इस पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर के निर्माण के लिए करीब 30,000 टन डीएमआर ग्रेड स्पेशियलिटी स्टील की आपूर्ति की है। यह स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर “आईएनएस विक्रांत” कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड से 02 सितंबर, 2022 को चालू होगा।
इंडियन नेवी और डीएमआरएल के सहयोग से डेवलप हुआ
इस स्वदेशी परियोजना के लिए सेल द्वारा सप्ल्पाई किए गए स्टील में विशेष डीएमआर ग्रेड प्लेट्स शामिल हैं। इन डीएमआर ग्रेड प्लेट्स को सेल ने भारतीय नौसेना और डीएमआरएल के सहयोग से डेवलप किया है। इस युद्धपोत के पतवार और पोत के अंदरूनी हिस्सों के लिए ग्रेड 249 ए और फ्लाइंग डेक के लिए ग्रेड 249 बी की डीएमआर प्लेटों का यूज किया गया।
सेल के इन प्लांटों में बने हैं ये स्पेशल ग्रेड स्टील
इस युद्धपोत के लिए बल्ब बार को छोड़कर, स्पेशियलिटी स्टील की पूरी आपूर्ति कंपनी के एकीकृत इस्पात संयंत्रों – भिलाई, बोकारो और राउरकेला द्वारा की गई है। आईएनएस विक्रांत के निर्माण में उपयोग किया गया यह विशेष ग्रेड स्टील – डीएमआर प्लेट आयात में कमी लाने में मददगार है। यह सेल के तकनीकी कौशल एवं इंजीनियरिंग कौशल का प्रमाण है।