डीएनए हिंदी: शराब के लाइसेंस और उस पर लगने वाले टैक्स से सरकारों की खूब कमाई होती है. तेलंगाना सरकार ने न तो शराब की कोई दुकान खोली और न ही शराब की एक भी बोतल बिकी, फिर भी उसने 2600 करोड़ रुपये कमा लिए. इससे हर कोई हैरान भले हो लेकिन तेलंगाना सरकार ने ये पैसे सिर्फ टेंडर के फॉर्म से ही कमा लिए. तेलंगाना सरकार ने शराब की दुकानों के लाइसेंस लेने के लिए जो टेंडर फीस लगाई थी वह 2 लाख रुपये थी. ये पैसे नॉन रिफंडेबल थे यानी अगर आपको टेंडर नहीं भी मिला तब भी ये पैसे आपको वापस नहीं मिलेंगे. इसी तरह तेलंगाना सरकार ने यह मोटी रकम जुटाई है.
तेलंगाना में 2620 दुकानों के आवंटन के लिए आवेदन मंगाए गए थे. इनके लिए 1.32 लाख आवेदन हर आए. हर आवेदन के लिए 2 लाख रुपये जमा कराए गए थे जो कि नॉन रिफंडेबल थे. अब सोमवार को लॉटरी सिस्टम से इन दुकानों का आवंटन किया जाएगा. आवदेन के लिए आखिरी तारीख 18 अगस्त थी. आखिरी दिन ही 56980 लोगों ने आवेदन किया. यानी हर दुकान के लिए लगभग 50 आवेदन आए हैं लेकिन इनमें से सिर्फ एक को ही दुकान का आवंटन होना है.
इसी महीने जमा करनी होगी सालाना फीस
रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह से तेलंगाना सरकार को कुल 2639 करोड़ रुपये मिले हैं. आबकारी विभाग ये लाइसेंस 1 दिसंबर 2023 से नवंबर 2025 तक के लिए दिए जा रहे हैं. टेंडर के इन पैसों के अलावा जनसंख्या के हिसाब से 50 लाख रुपये से लेकर 1.1 करोड़ रुपये तक की सालाना लाइसेंस फीस भी रखी गई है. इसमें से सालाना फीस का छठा हिस्सा इसी महीने में जमा कराना होगा.
बता दें कि जनसंख्या के हिसाब से 5000 तक की आबादी वाले इलाके की दुकान के लिए सालाना 50 लाख रुपये और उससे ज्यादा आबादी वाले इलाके की दुकान के लिए 1.1 करोड़ रुपये तक का भुगतान करना होगा. बता दें कि दुकानों के आवंटन में आरक्षण का भी पालन किया जा रहा है.